भारत में राशन कार्ड गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसके माध्यम से उन्हें सरकार की ओर से मिलने वाली राशन संबंधी सुविधाएं मिलती हैं। केंद्र और राज्य सरकारों ने इस योजना के तहत बहुत से लोगों को लाभ पहुंचाया है, खासकर कोविड-19 महामारी के समय में। लेकिन अब एक चौंकाने वाली खबर आई है कि लगभग 10 लाख लोगों के राशन कार्ड से उनके नाम काटे जा सकते हैं। इस निर्णय के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख कारण ई-केवाईसी न करवाना है।
क्या है ई-केवाईसी और क्यों है ज़रूरी?
ई-केवाईसी (Electronic Know Your Customer) एक डिजिटल प्रक्रिया है, जिसके जरिए सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित की जाती है। राशन कार्ड धारकों के लिए भी यह प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है। यदि किसी ने समय रहते ई-केवाईसी नहीं करवाई, तो उन्हें राशन कार्ड से मिलने वाले लाभों से वंचित कर दिया जाएगा। खासतौर पर गाजियाबाद जैसे बड़े जिलों में यह मामला सामने आया है, जहां 50% राशन कार्ड धारकों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है।
30 सितंबर है अंतिम तारीख
सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी करवाने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2024 निर्धारित की है। यदि इस तारीख तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो उन लाभार्थियों के नाम राशन कार्ड सूची से हटा दिए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि उन लोगों को गेंहू, चावल और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएंगी।
गाजियाबाद में 9.47 लाख लोगों ने नहीं करवाई ई-केवाईसी
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में करीब 20 लाख राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें से केवल 10.58 लाख लोगों ने ही ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी की है। ताजे आंकड़ों के अनुसार, लगभग 9.47 लाख लोगों ने अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। ऐसे में इन लोगों के नाम काटने की संभावना बहुत अधिक है। यह सिर्फ गाजियाबाद की बात नहीं है, बल्कि अन्य जिलों में भी ऐसी स्थिति बन सकती है।
अंत्योदय राशन कार्ड धारकों के लिए चेतावनी
अंत्योदय योजना के तहत आने वाले राशन कार्ड धारक, जो सबसे गरीब तबके के लोग हैं, अगर उन्होंने भी समय पर ई-केवाईसी नहीं करवाई, तो उनके नाम भी काट दिए जाएंगे। गाजियाबाद में अंत्योदय योजना के तहत करीब 8500 लोग आते हैं, जिनमें से कई ने अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। यदि उन्होंने समय रहते यह काम नहीं किया, तो उन्हें बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या होगा ई-केवाईसी न करवाने का परिणाम?
- अगर आप निर्धारित समय सीमा तक ई-केवाईसी नहीं करवाते हैं, तो आपका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि आपको सरकारी राशन प्रणाली से कोई भी लाभ नहीं मिलेगा।
- कोरोना महामारी के बाद शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अभी भी जारी है, लेकिन अगर ई-केवाईसी नहीं हुई तो आप इस योजना से बाहर हो जाएंगे और फ्री राशन का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
- राशन कार्ड से जुड़े होने के कारण आपको अन्य कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता है। लेकिन अगर राशन कार्ड से आपका नाम हटा दिया गया, तो आप इन योजनाओं से भी वंचित हो सकते हैं।
ई-केवाईसी कैसे करवाएं?
ई-केवाईसी करवाने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। इसके लिए आपको अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र या सरकारी राशन वितरण केंद्र पर जाना होगा। वहां आपको अपना आधार कार्ड और राशन कार्ड लेकर जाना होगा, जिसके बाद आपके बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के जरिए ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
- कुछ राज्यों ने ऑनलाइन ई-केवाईसी की सुविधा भी प्रदान की है। आप अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ई-केवाईसी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- ई-केवाईसी करवाने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है। यह सेवा पूरी तरह मुफ्त है।
किन कारणों से नाम काटा जा सकता है?
- कई बार एक ही परिवार के दो सदस्यों के नाम पर अलग-अलग राशन कार्ड बनवा लिए जाते हैं। सरकार अब ऐसे फर्जी राशन कार्ड को रद्द कर रही है।
- यदि किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार हो गया है और वह सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार राशन कार्ड का हकदार नहीं है, तो उसका नाम भी राशन कार्ड से हटा दिया जाएगा।
- कई मामलों में लोगों ने अपने राशन कार्ड में गलत जानकारी दी होती है, जैसे कि गलत पता या फर्जी दस्तावेज। ऐसे मामलों में भी नाम काटा जा सकता है।
कैसे जांचें कि आपका नाम राशन कार्ड से काटा गया है या नहीं?
- आप अपने राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर यह जांच सकते हैं कि आपका नाम राशन कार्ड सूची में है या नहीं।
- आप अपने नजदीकी राशन वितरण केंद्र पर जाकर भी यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहां आपसे आपके राशन कार्ड की जानकारी मांगी जाएगी और आपको आपके कार्ड की स्थिति के बारे में बताया जाएगा।