पीएम आवास योजना की पहली किस्त 15 सितंबर को होगी जारी: इन लोगों को मिलेगी, यहां से करें चेक

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प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में मकान निर्माण के लिए सरकार लाभार्थियों को आर्थिक सहायता देती है। इस योजना का उद्देश्य गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों को स्थायी आवास प्रदान करना है। 15 सितंबर 2024 को, झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों में इस योजना की पहली किस्त जारी की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के जमशेदपुर से बटन दबाकर करीब 11 लाख लाभार्थियों के खातों में यह राशि सीधे ट्रांसफर करेंगे।

योजना का उद्देश्य और लाभ

PMAY का मुख्य उद्देश्य देश के हर नागरिक को आवास सुविधा प्रदान करना है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। योजना के तहत गरीब परिवारों को घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है। पहाड़ी इलाकों में यह राशि 1.30 लाख रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा, योजना के लाभार्थियों को बैंक लोन भी आसानी से उपलब्ध कराया जाता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना को दो भागों में बांटा गया है—शहरी (PMAY-U) और ग्रामीण (PMAY-G)। ग्रामीण योजना के तहत विशेष रूप से उन लोगों को सहायता दी जाती है, जो बेघर हैं या जिनके पास कच्चे मकान हैं। इसके तहत 1.64 लाख करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं और 1.18 करोड़ मकानों को मंजूरी दी गई है। 86.4 लाख मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

15 सितंबर को पहली किस्त

15 सितंबर 2024 को पीएम मोदी द्वारा जमशेदपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देशभर के 11 लाख नए लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की जाएगी। पहली किस्त में 40,000 रुपये तक की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के हजारों लाभार्थियों को मिलेगा। साथ ही प्रधानमंत्री 100 दिन के भीतर मकान निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश भी देंगे।

योजना की किस्तें और सहायता

PMAY-G योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को तीन किस्तों में आर्थिक सहायता मिलती है। पहली किस्त 40,000 रुपये की होती है, जो मकान की नींव के लिए होती है। दूसरी किस्त 70,000 रुपये की होती है, जो मकान के निर्माण के मध्य स्तर पर दी जाती है। अंतिम 10,000 रुपये की किस्त तब दी जाती है जब मकान पूरा हो जाता है। इसके अतिरिक्त, स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाभार्थियों को शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाती है।

छह साल का इंतजार समाप्त

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के 144 परिवार, जो 2018 में इस योजना के लिए चयनित हुए थे, उन्हें भी छह साल बाद इस योजना का लाभ मिल रहा है। सरकार ने अब नए नियमों के तहत पात्र लाभार्थियों को सीधा राज्य मुख्यालय से उनके खाते में पैसे भेजने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया है। पहले यह प्रक्रिया जिलों के माध्यम से होती थी, जिसमें समय अधिक लगता था।

योजना के लिए योग्यता और आवेदन

PMAY-G के तहत आवेदन करने के लिए लाभार्थी का आर्थिक रूप से कमजोर या निम्न आय वर्ग (EWS/LIG) से होना जरूरी है। साथ ही, जिनके पास पहले से पक्का मकान नहीं है, वे इस योजना के लिए पात्र हैं। इसके लिए आवेदक को ऑनलाइन या पंचायत स्तर पर आवेदन करना होता है।

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