पुरानी पेंशन योजना एक विशेष योजना है जिसमें सरकारी कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति के बाद भी निर्धारित पेंशन की सुरक्षा प्राप्त होती है। इस योजना के अंतर्गत, सरकारी कर्मचारी को उनकी कार्यक्षमता और सेवा के आधार पर निर्धारित राशि का भुगतान किया जाता है, जो उनके जीवन भर उनकी आर्थिक सुरक्षा का स्रोत बनती है। यह योजना सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी आर्थिक सहारा प्रदान करती है और उन्हें विशेष सुरक्षा की अनुमति देती है। उत्तराखंड राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज के प्राचार्यों के लिए इस योजना के लाभ को लेकर विवरण मांगा है, जो कि उन्हें उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी सुरक्षित रखने का एक माध्यम हो सकता है।
Old Pension Scheme
उत्तराखंड राज्य के किसी भी शिक्षक कॉलेज में जो प्राचार्य के पद पर नियुक्त थे, उनके रिटायरमेंट का समय आते ही सरकार और उच्च शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण सुचना जारी की है। इस सुचना के अनुसार, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। उत्तराखंड राज्य के कॉलेजों में प्राचार्य पद पर होने वाले शिक्षकों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ पात्रता मापदंड पूरे करने होंगे। अगर आप भी उत्तराखंड राज्य के किसी कॉलेज में प्राचार्य हैं, तो आपको इस योजना के बारे में अधिक जानकारी हासिल करना चाहिए।
पुरानी पेंशन प्राप्त हेतु पत्रताएं
उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया है। इसके बजाय, कुछ पात्रता मापदंड निर्धारित किए गए हैं, और उनके आधार पर जो शिक्षक पात्र होंगे, उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा। उत्तराखंड राज्य के शिक्षकों से पुरानी पेंशन योजना के लिए विवरण मांगे गए हैं, और इसलिए केवल इस राज्य के शिक्षकों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सिर्फ वह उम्मीदवार लाभार्थी होंगे जो 2005 से पहले की घोषणा के अनुसार चयनित हुए हैं। जो शिक्षक 10 वर्ष तक सेवा कर चुके हैं और पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, वे अपना विवरण जमा कर सकते हैं। 2005 के बाद नियुक्त हुए किसी भी कर्मचारी को पुरानी पेंशन योजना से जोड़ा नहीं जाएगा।
6000 से अधिक कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
उत्तराखंड राज्य में लगभग 6000 से अधिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना के लाभ की सूचना मिली है। इन शिक्षकों को उच्च शिक्षा विभाग में अपने विवरण भेजने की आवश्यकता है। राज्य के सभी महाविद्यालय के प्राचार्यों को पुरानी पेंशन योजना के तहत पत्र भेजा गया है, जिसमें उन शिक्षकों के लिए यह सुनिश्चित किया गया है कि कब तक उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप, शिक्षकों के बीच खुशी का माहौल है।
पुरानी पेंशन के साथ मिलेगा महंगाई भत्ता
महाविद्यालय के 1 अक्टूबर 2005 के पहले नियुक्त हुए प्राचार्यों को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पुरानी पेंशन के लाभ के साथ ही महंगाई भत्ते का भी लाभ प्रदान किया जाएगा। महंगाई भत्ते का लाभ सभी कर्मचारियों को मिलता है। अब जो शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें अपनी आय की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पुरानी पेंशन के अंतर्गत उन्हें आधी राशि मिलेगी और साथ ही साल में दो बार महंगाई भत्ते को भी बढ़ाया जाएगा।
जल्द मिलेगा कर्मचारियों को लाभ
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार, सभी कर्मचारियों को निश्चित समय में अपना विवरण निदेशालय में भेजना आवश्यक है। उनके विवरण सफलतापूर्वक सत्यापित होने के बाद, पुरानी पेंशन योजना के लाभ प्रदान किए जाएंगे। पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत, सभी कर्मचारियों को जल्दी ही लाभ प्राप्त होने की संभावना है। यह योजना के लाभ की शुरूआत होने पर, शिक्षकों को नई पेंशन योजना के लाभ नहीं मिलेगा और पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत ही उन्हें वेतन दिया जाएगा।