नाबार्ड योजना 2024: डयेरी फार्मिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

नाबार्ड योजना का आयोजन केंद्र सरकार ने देश के ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया है। इस योजना के अंतर्गत देश के गांवों के लोगों को डेयरी फार्मिंग की व्यवस्था के लिए सरकार द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत बैंक द्वारा ऋण प्रदान किया जाएगा और पशुपालन विभाग आधुनिक डेयरी स्थापित करेगा। नाबार्ड डेयरी फार्मिंग संबंधी संपूर्ण जानकारी इस पोस्ट में दी गई है|

नाबार्ड योजना क्या है?

कोरोना वायरस के प्रभाव से प्रभावित देश के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई घोषणा की हैं। उन्होंने नाबार्ड योजना के अंतर्गत देश के किसानों को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पुनर्वित्त सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस योजना से लाभान्वित होने वाले परिश्रमी किसानों को यह धन कोऑपरेटिव बैंक के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। इस सहायता से लगभग 3 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।

डयेरी फार्मिंग योजना

ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए डेयरी फार्मिंग योजना 2024 के तहत कदम उठाए जाएंगे। इससे लोग अपना व्यापार आसानी से शुरू कर सकेंगे और देश में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। यह योजना देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए डेयरी फार्मों की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी। दूध उत्पादन से लेकर गाय और भैंसों की देखभाल, गायों की सुरक्षा और घी निर्माण तक, सभी कार्य मशीनों के सहारे से होंगे। जो लोग इस नाबार्ड योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें इस योजना के तहत आवेदन करना होगा।

नाबार्ड योजना का उद्देश्य

केंद्र सरकार द्वारा नाबार्ड योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य डयेरी उद्योगों को व्यवस्थित करना है| जिससे की स्वरोजगार पैदा हो और डायरी क्षेत्र में अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध हो| क्योंकि हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बहुत से लोग आज भी डयेरी फार्मिंग से अपनी आजीविका चलाते हैं| इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिना ब्याज ऋण उपलब्ध कराना भी है ताकि दूध के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके और देश में बेरोजगारी दर में कमी आए|

नाबार्ड डेयरी योजना के तहत बैंक सब्सिडी

  • दूध उत्पाद (दूग्ध प्रोडक्ट) निर्मिति की एक यूनिट को आरंभ करने के लिए, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत भी सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • नाबार्ड डेयरी योजना 2024 के अनुसार, आप दुग्ध उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक उपकरण खरीद सकते हैं।
  • यदि आप ऐसी मशीन खरीदते हैं और जिसकी कीमत 13.20 लाख रुपये होती है, तो आपको 25% (3.30 लाख रुपये) की सब्सिडी मिल सकती है|
  • यदि आप अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति श्रेणी से हैं, तो आपको इसके लिए 4.40 लाख रुपये की सब्सिडी भी मिल सकती है।
  • नाबार्ड के डीडीएम द्वारा जानकारी दी गई की इस योजना के अंतर्गत ऋण राशि बैंक द्वारा मंजूर की जाएगी, जिसका 25% लाभार्थी द्वारा भुगतान किया जाएगा।
  • इस योजना के लाभार्थी बैंक से संपर्क करके आवेदन कर सकते हैं।
  • अगर आप पांच गायों के साथ डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो आपको उनकी लागत का प्रमाण प्रदान करना होगा।
  • सरकार इसके लिए 50% सब्सिडी प्रदान करेगी, बाकी का भुगतान किसानों को बैंक के माध्यम से करना होगा, जो 50% की विभिन्न किस्तों में होगा।

बकरी पालन योजना

Nabard Dairy Farming Yojana 2024

पहली योजना – ग्रामीण क्षेत्रों में लाल सिन्धी, साहिवाल, राठी, गिर आदि प्रजातियों की देसी गायों के लिए एक छोटे डेयरी यूनिट स्थापित करना। इसमें हाइब्रिड गायें या 10 दुधारू पशुओं की जैसे भैंसों के लिए एक सामान्य यूनिट का निर्माण होगा।

निवेश – इस डेयरी की स्थापना के लिए कम से कम ₹5,00,000/- की आवश्यकता होगी, जो कम से कम 2 पशुओं से लेकर अधिकतम 10 पशुओं की डेयरी के लिए है।

सब्सिडी – इस योजना के तहत, 10 पशु डेयरी पर 25% की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, एससी/एसटी किसानों के लिए सब्सिडी की राशि में 33.33% की रूपरेखा है। अधिकतम अनुमति पूंजी सब्सिडी ₹1.25 लाख रुपये है, जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए ₹1.67 लाख रुपये है। दूसरे पशु इकाई के लिए भी सब्सिडी उपलब्ध होगी, जिसकी मात्रा ₹25,000/- है, और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए ₹33,300/- है।

दूसरी योजना – बछिया पालन के लिए, ऊपर बताई गई नस्लों में से 20 बछियां खरीदना।

निवेश – इस योजना के तहत, आपको कम से कम 20 बछियां पालने के लिए ₹80 लाख का निवेश करना होगा।

सब्सिडी – 20 बछियां तक की यूनिट को 25% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिसकी मात्रा ₹1,25,000/- तक हो सकती है। SC/ST श्रेणी के लोगों को ₹1,60,000/- तक की पूंजी सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ ही, उन्हें 33.33% तक की सब्सिडी भी प्राप्त हो सकती है। अधिकतम ₹30,000/- की सब्सिडी तब मिलेगी जब 5 बछियां पालने का काम शुरू किया जाएगा, जबकि SC/ST के लोगों को यह सब्सिडी ₹40,000/- तक हो सकती है।

तीसरी योजना – वर्मीकंपोस्ट और खाद तैयार करने के लिए, जो दूध पशुओं के साथ संयुक्त नहीं होगा।

निवेश – यहाँ निवेश की आवश्यकता बीस हजार रुपये तक हो सकती है।

सब्सिडी – इस योजना के तहत, निवेश करने पर 25% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो किसी व्यक्ति को 4.50 लाख रुपये के निवेश पर मिल सकती है। SC/ST के आवेदकों को ₹6 लाख तक की पूंजी पर 33.33% की सब्सिडी उपलब्ध होगी।

चौथी योजना – दूध परीक्षकों/ दूध निकालने की मशीनों का खरीद और दूध को ठंडा रखने के लिए फ्रिज की स्थापना।

निवेश – इसके लिए, व्यक्ति को 18 लाख रुपये तक का निवेश करना होगा।

सब्सिडी – 4.50 लाख रुपये के निवेश पर 25% तक की सब्सिडी मिलेगी। SC/ST के आवेदकों को ₹6 लाख तक की पूंजी पर 33.33% की सब्सिडी उपलब्ध होगी।

पांचवी योजना – डेयरी प्रसंस्करण के उपकरण की खरीद करने के लिए, जो स्वदेशी दूध उत्पादों का उत्पादन करने में मदद करेगा।

निवेश – इस परियोजना के लिए, न्यूनतम ₹12 लाख का निवेश करने की आवश्यकता होगी।

सब्सिडी – व्यक्ति को ₹3,00,000/- तक की पूंजी पर लोन के तहत सब्सिडी मिलेगी, जिस पर उन्हें 25% की सब्सिडी मिलेगी। SC/ST जाति के लोगों को ₹4,00,000/- तक की पूंजी पर 33.33% की सब्सिडी मिलेगी।

छठी योजना – डेयरी उत्पाद परिवहन सुविधाएँ और शीत श्रृंखला स्थापना करने के लिए।

निवेश – इस योजना को शुरू करने के लिए, लोगों को न्यूनतम ₹24 लाख की आवश्यकता होगी।

सब्सिडी – परियोजना में निवेश करने पर सरकार द्वारा ₹7,50,000/- तक का लोन प्रदान किया जाएगा, जिस पर 25% की सब्सिडी मिलेगी। SC/ST जाति के लोगों को ₹10 लाख तक का लोन मिलेगा, जिस पर उन्हें 33.33% की सब्सिडी मिलेगी।

सातवी योजना – दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए शीत भंडारण सुविधा।

निवेश – इस योजना के तहत, लोगों को कम से कम ₹30 लाख का निवेश करना होगा।

सब्सिडी – चिकित्सालय के स्थापना पर, किसी भी व्यक्ति को उनके कुल खर्च का 25% हिस्सा सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। मोबाइल या स्थिर चिकित्सालय की स्थिति में, सब्सिडी की राशि ₹45,000/- और ₹60,000/- तक हो सकती है। SC/ST जाति के आवेदकों को भी कुल खर्च का 33.33% हिस्सा सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। चिकित्सालय की स्थिति के हिसाब से, उन्हें ₹80,000/- तक की सब्सिडी उपलब्ध हो सकती है।

आठवीं योजना – निजी पशु चिकित्सा क्लिनिक की स्थापना

निवेश – मोबाइल क्लिनिक के लिए 2.40 लाख रुपये और स्थिर क्लिनिक के लिए 1.80 लाख रुपये का निवेश करना होगा।

सब्सिडी – खर्च का 25% सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा, जिसमें समाज की अति-संरक्षित जातियों और जनजातियों के लिए 33.33% की सब्सिडी शामिल है। ₹45,000/- और ₹60,000/- तक की सब्सिडी उपलब्ध हो सकती है, आवेदक के कुल खर्च पर।

कामधेनु डेयरी योजना 2024: देसी गाय पालने पर 30% की सब्सिडी

नाबार्ड योजना के लिए पात्रता

  • इस योजना का लाभ किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर संकरी संगठन, कंपनियां, असंगठित और संगठित क्षेत्र समूह आदि ले सकते हैं|
  • व्यक्ति केवल एक बार ही इस योजना का लाभ ले सकता है|
  •  इस योजना के अंतर्गत एक ही परिवार में एक से अधिक सदस्य सहायता प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अलग जगह पर विभिन्न आधारभूत संरचनाओं के साथ अलग इकाइयों की स्थापना करनी होगी| इसी के साथ ही दो परियोजनाओं के बीच की दूरी कम से कम 5 मीटर की होनी चाहिए|
  • लाभार्थी सभी घटकों से सहायता प्राप्त कर सकता है लेकिन एक ही बार|

नाबार्ड योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

  • सबसे पहले नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट नाबार्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं|
  • अब होम पेज पर इनफॉरमेशन सेंटर (सूचना केंद्र) के ऑप्शन पर क्लिक करें|
  • अब आपके सामने एक नया पेज आ जाएगा|
  • अब आपको अपनी संबंधित योजना के आधार पर फॉर्म की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करनी है|
  • अब इस आवेदन फार्म को भर लेना है और साथ में आवश्यक दस्तावेजों को अटैक कर लेना है|
  • अब आपको इस आवेदन फार्म को संबंधित नजदीकी बैंक में जमा करवा देना है|
  •  इस फार्म से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप जिले के नाबार्ड ऑफिस या बैंक से भी प्राप्त कर सकते हैं|

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