झारखंड सरकार ने हाल ही में एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम बाल आशीर्वाद योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों की सहायता करना है जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड-19 महामारी के बाद हो चुकी है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार उन बच्चों को हर महीने ₹4000 की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है और जो पूरी तरह से अनाथ हो चुके हैं।
बाल आशीर्वाद योजना का उद्देश्य
बाल आशीर्वाद योजना का उद्देश्य उन बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है जिनके माता-पिता की मृत्यु 1 मार्च 2020 के बाद हो चुकी है। इस योजना के माध्यम से सरकार अनाथ बच्चों को वित्तीय रूप से सहायता देना चाहती है ताकि उनकी शिक्षा और जीवन यापन में कोई रुकावट न आए। सरकार के अनुसार, यह राशि बच्चों को हर महीने दी जाएगी, जिससे वे अपनी पढ़ाई और जीवन की अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
किसे मिलेगा लाभ?
बाल आशीर्वाद योजना का लाभ उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड-19 के बाद हो चुकी है और जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है। इसके अलावा, बच्चे को झारखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए और उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर होनी चाहिए। ऐसे बच्चे जिनकी पारिवारिक आय 72,000 रुपये से कम है, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। यदि बच्चे शहरी क्षेत्र से हैं, तो उनकी पारिवारिक आय 96,000 रुपये से कम होनी चाहिए।
बाल आशीर्वाद योजना आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र।
- आधार कार्ड और राशन कार्ड।
- आय प्रमाण पत्र।
- स्कूल का आईडी कार्ड।
- बच्चे और मां का जॉइंट बैंक खाता।
- आवेदक का फोटो।
बाल आशीर्वाद योजना आवेदन की प्रक्रिया
बाल आशीर्वाद योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया काफी सरल है। हालांकि, इस योजना के लिए कोई ऑनलाइन आवेदन पोर्टल उपलब्ध नहीं है। इसलिए, आवेदन करने के लिए आपको स्थानीय सरकारी कार्यालय में जाना होगा। वहां जाकर आप बाल आशीर्वाद योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करेंगे और उसे भरकर संबंधित अधिकारियों के पास जमा करेंगे।
फॉर्म जमा करने के बाद, अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी और यदि आप योजना के लिए पात्र पाए गए, तो आपकी जानकारी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी। इसके बाद, आपके बैंक खाते में प्रतिमाह ₹4000 की राशि जमा की जाएगी।