खेत खाली या कम पानी वाली फसल पर किसानों को सरकार देगी ₹10000 प्रति एकड़ की सब्सिडी

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देश में बढ़ते जल संकट और किसानों की आमदनी में सुधार के लिए सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है, जिसके तहत किसानों को अपनी कृषि भूमि पर कम पानी की जरूरत वाली फसलों की खेती करने या खेत खाली रखने के लिए सरकार 10,000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी देगी। यह कदम विशेष रूप से उन किसानों के लिए है, जो पारंपरिक धान की खेती छोड़कर मक्का, मूंग, मोठ, उड़द जैसी फसलें उगाने की ओर कदम बढ़ाते हैं या अपने खेतों को खाली छोड़ने का निर्णय लेते हैं। इस योजना का उद्देश्य जल संसाधनों की बचत करना और कृषि क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देना है।

योजना का उद्देश्य

भारत में कृषि पर निर्भर एक बड़ी जनसंख्या है, और कृषि क्षेत्र में पानी की भारी खपत हो रही है। खासकर धान की खेती में जल का अत्यधिक उपयोग होता है, जिससे जलस्तर में गिरावट आई है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारें और केंद्रीय सरकार मिलकर ऐसे उपायों की तलाश कर रही हैं, जिनसे कृषि क्षेत्र में पानी की बचत हो सके। इस नई योजना के तहत, किसानों को अपनी ज़मीन पर धान की खेती करने की बजाय कम पानी वाली फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

किसे मिलेगा लाभ?

इस योजना का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा जो अपनी ज़मीन पर धान की बजाय अन्य फसलें उगाएंगे या अपने खेतों को इस सीजन खाली छोड़ने का निर्णय लेंगे। राज्य सरकार ने मक्का, मूंग, मोठ, उड़द, अरहर, ग्वार, मूंगफली, सोयाबीन, तिल, अरंडी, कपास, और खरीफ प्याज जैसी कम पानी वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है।

योजना से क्या लाभ होगा?

इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और वे पानी की बचत करने वाले फसल चक्र को अपना सकेंगे। इस योजना से जल संकट को कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इसके अलावा, सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, जिससे वे कम पानी वाली फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

आवेदन कैसे करें?

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को हरियाणा सरकार के “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके लिए किसानों को कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, बैंक खाता विवरण, कृषि भूमि के दस्तावेज, और अन्य पहचान पत्रों की आवश्यकता होगी। आवेदन करने के बाद, किसानों को अपने खेत की स्थिति के अनुसार सरकारी अनुदान मिलेगा।

500 हाईटेक सीएम पैक्स केंद्र बनाए जाएंगे

किसानों को प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार 500 हाईटेक सीएम पैक्स केंद्र बनाने की योजना बना रही है। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को खाद, बीज, कीटनाशकों के बारे में जानकारी दी जाएगी, साथ ही उन्हें कृषि संबंधी तकनीकी सहायता और वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह केंद्र किसानों के लिए एक वन-स्टॉप सेंटर की तरह कार्य करेंगे, जहां उन्हें सभी आवश्यक सेवाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी।

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