राजस्थान सरकार ने राज्य के गरीब और आवासहीन परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है, जिसे ‘राजस्थान प्लॉट योजना’ कहा जाता है। इस योजना के तहत, गरीब परिवारों को बहुत ही कम दरों पर प्लॉट आवंटित किए जाएंगे, जिससे उनके लिए घर बनाने का सपना साकार हो सकेगा।
राजस्थान प्लॉट योजना का उद्देश्य
राजस्थान प्लॉट योजना का मुख्य उद्देश्य उन गरीब और घुमंतु परिवारों को सस्ती दरों पर जमीन उपलब्ध कराना है, जो अब तक अपने आवास से वंचित थे। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ऐसे परिवारों को अपना घर बनाने का अवसर प्रदान कर रही है, जो वित्तीय रूप से कमजोर हैं और जिनके पास पहले से कोई स्थायी आवास नहीं है।
प्लॉट की कीमत और आकार
इस योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को 300 वर्ग गज के प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। प्लॉट की कीमत राज्य के विभिन्न इलाकों में भिन्न होगी, लेकिन यह कीमत बहुत ही सस्ती रखी गई है। उदाहरण के लिए, 1991 की जनगणना के आधार पर, 1000 से कम आबादी वाले गांवों में ₹2 प्रति वर्ग मीटर, 2000 की आबादी वाले गांवों में ₹5 प्रति वर्ग मीटर, और उससे अधिक आबादी वाले गांवों में ₹10 प्रति वर्ग मीटर की दर से प्लॉट दिए जाएंगे।
राजस्थान प्लॉट योजना के लाभार्थी
यह योजना मुख्य रूप से घुमंतु, अर्ध-घुमंतु, और आवासहीन परिवारों के लिए बनाई गई है। इन परिवारों को राज्य के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे अपना घर बना सकें और स्थायी रूप से बस सकें।
राजस्थान प्लॉट योजना की विशेषताएं
- सस्ती जमीन: गरीब और आवासहीन परिवारों को मात्र ₹2 से ₹10 प्रति वर्ग मीटर की दर पर प्लॉट आवंटित किए जाएंगे।
- विशेष प्राथमिकता: घुमंतु और अर्ध-घुमंतु परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- पंचायत की भागीदारी: योजना के क्रियान्वयन में ग्राम पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। वे जमीन चिन्हित करने और आवंटन प्रक्रिया में शामिल होंगी।
- आवेदन की सरलता: आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक योग्य लोग इसका लाभ उठा सकें।
राजस्थान प्लॉट योजना आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए पात्र लाभार्थियों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर आवेदन करना होगा। योजना की अंतिम तिथि 5 सितंबर 2024 रखी गई है। इसके बाद, ग्राम पंचायतों द्वारा इन आवेदनों का परीक्षण किया जाएगा और पात्र लाभार्थियों को चयनित किया जाएगा। 25 सितंबर तक ग्राम पंचायतों में बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें जमीन आवंटन के प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इसके बाद 2 अक्टूबर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा इन परिवारों को पट्टे जारी किए जाएंगे।