सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। भारत में तीन प्रमुख पेंशन योजनाएं चर्चा में हैं: पुरानी पेंशन योजना (OPS), नई पेंशन योजना (NPS), और हाल ही में पेश की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)। आइए इन तीनों योजनाओं के बीच के अंतर को समझते हैं और जानते हैं कि UPS कैसे NPS और OPS से अलग है।
पुरानी पेंशन योजना (OPS)
पुरानी पेंशन योजना (OPS) वह योजना थी, जो 2004 से पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू थी। इस योजना में कर्मचारी को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद एक निश्चित राशि की पेंशन मिलती थी, जो उनके आखिरी वेतन का 50% होती थी। इसके अलावा, उन्हें महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) भी मिलता था, जो हर छह महीने में संशोधित होता था। इस योजना में कर्मचारी को अपने वेतन का कोई हिस्सा योगदान के रूप में नहीं देना पड़ता था।
हालांकि, OPS में सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ता गया, क्योंकि जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के कारण पेंशन भुगतान की अवधि लंबी हो गई। इसके चलते OPS को वित्तीय रूप से अस्थिर माना जाने लगा और इसे 2004 में बंद कर दिया गया।
नई पेंशन योजना (NPS)
नई पेंशन योजना (NPS) 2004 में OPS के स्थान पर लाई गई थी। यह एक योगदान आधारित योजना है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर योगदान करते हैं। इसमें कर्मचारी को अपने बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान करना होता है, जबकि सरकार 14% योगदान करती है। NPS में जमा की गई राशि बाजार से जुड़ी होती है, जिससे निवेश पर लाभ मिलता है, लेकिन इसमें पेंशन की राशि सुनिश्चित नहीं होती है।
NPS में कर लाभ भी मिलता है, जिसमें धारा 80CCD के तहत कर में छूट मिलती है। लेकिन NPS की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसमें महंगाई के अनुसार पेंशन राशि में स्वतः वृद्धि नहीं होती, जिससे पेंशन राशि अस्थिर रहती है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
2024 में सरकार ने एक नई पेंशन योजना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम, की घोषणा की है। UPS को NPS और OPS की प्रमुख विशेषताओं को मिलाकर तैयार किया गया है। UPS में कर्मचारियों को एक सुनिश्चित पेंशन की गारंटी दी जाती है, जो उनके अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% होती है। इसके अलावा, UPS में महंगाई के अनुसार पेंशन राशि में वृद्धि का प्रावधान भी है।
UPS में 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को यह लाभ मिलेगा, जबकि 10 से 25 साल की सेवा वाले कर्मचारियों को प्रोरेटा आधार पर पेंशन दी जाएगी। UPS में परिवार पेंशन की भी गारंटी दी जाती है, जिसमें कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके परिवार को 60% पेंशन दी जाएगी।
UPS और NPS में क्या है अंतर?
- पेंशन की गारंटी: NPS में पेंशन की राशि बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है, जबकि UPS में पेंशन की राशि सुनिश्चित होती है।
- योगदान: NPS में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है, जबकि UPS में भी योगदान आधारित है, लेकिन इसके बावजूद पेंशन सुनिश्चित होती है।
- महंगाई सूचकांक: NPS में पेंशन राशि में महंगाई के अनुसार स्वतः वृद्धि नहीं होती, जबकि UPS में महंगाई सूचकांक के अनुसार पेंशन राशि में वृद्धि होती है।
UPS और OPS में क्या है अंतर?
- योगदान: OPS में कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता था, जबकि UPS में कर्मचारी को योगदान करना होगा।
- वित्तीय स्थिरता: OPS में सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ता जा रहा था, जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह अधिक स्थिर और दीर्घकालिक रूप से स्थायी हो।