केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बार फिर से खुशखबरी आने वाली है। सरकार जल्द ही महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि की घोषणा कर सकती है। इस साल की जुलाई से दिसंबर तक के लिए महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। यह वृद्धि सितंबर 2024 में लागू हो सकती है, जिससे कुल महंगाई भत्ता 53% हो जाएगा।
क्या है महंगाई भत्ता (DA)?
महंगाई भत्ता एक प्रकार का भत्ता है जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनकी मौजूदा वेतन के साथ दिया जाता है। इसका उद्देश्य मुद्रास्फीति के कारण जीवनयापन की लागत में होने वाली वृद्धि की भरपाई करना है। DA का निर्धारण अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर किया जाता है। यह सूचकांक विभिन्न क्षेत्रों में खुदरा कीमतों में बदलाव को मापता है।
कैसे होती है DA की गणना?
DA की गणना का आधार AICPI सूचकांक होता है। हाल ही में, AICPI के आंकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि जून 2024 में सूचकांक में 1.5 अंकों की वृद्धि हुई है, जिससे जुलाई-दिसंबर 2024 की अवधि के लिए DA में 3% की वृद्धि संभावित हो गई है। इससे पहले जनवरी 2024 में DA को 4% बढ़ाकर 50% कर दिया गया था।
पिछले साल की DA वृद्धि
मार्च 2024 में, सरकार ने DA में 4% की वृद्धि की थी, जिससे यह 50% तक पहुंच गया था। इससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में वृद्धि हुई थी, और विभिन्न भत्तों में भी बदलाव आया था। यह वृद्धि कोरोना महामारी के कारण स्थगित किए गए 18 महीनों के DA और DR के साथ नहीं जोड़ी गई थी, जिसके कारण कर्मचारियों को इस अवधि का बकाया नहीं मिला।
कब होगी घोषणा?
DA वृद्धि की घोषणा आमतौर पर मार्च और सितंबर में की जाती है, जो जनवरी और जुलाई से प्रभावी होती है। इस बार सरकार द्वारा सितंबर के अंत तक इसकी घोषणा की उम्मीद है। यदि यह वृद्धि लागू होती है, तो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अक्टूबर 2024 से इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
DA वृद्धि का कर्मचारियों पर प्रभाव
DA वृद्धि से न केवल वेतन में वृद्धि होती है, बल्कि इसके साथ जुड़े अन्य भत्तों जैसे HRA (हाउस रेंट अलाउंस) में भी वृद्धि होती है। उदाहरण के लिए, एक कर्मचारी जिसकी मासिक सैलरी ₹50,000 है, उसे इस 3% वृद्धि के बाद लगभग ₹1,500 का अतिरिक्त वेतन मिलेगा।
इस वृद्धि से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, विशेषकर वर्तमान में बढ़ती मुद्रास्फीति के दौर में। यह कदम सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है, जो कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में उठाई गई है।