Unified Pension Scheme 2025: इतनी बढ़ेगी पेंशन आधिकारिक सूचना जारी, यहां से जाने पूरी अपडेट

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केंद्र सरकार ने 24 जनवरी 2025 को Unified Pension Scheme (यूनिफाइड पेंशन स्कीम – यूपीएस) की अधिसूचना जारी की है, जिसे कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बदलने के बाद कर्मचारियों को पेंशन प्रदान करना है। सरकार के इस फैसले ने कर्मचारियों के मन में कई सवाल पैदा किए हैं, जिनका जवाब हम यहां देंगे।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) क्या है?

यूपीएस योजना के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 50% पेंशन दी जाएगी। इस स्कीम के लाभ को प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को कुछ शर्तों का पालन करना जरूरी होगा। खास बात यह है कि यूपीएस का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा, जिनके वेतन में वृद्धि 1 जनवरी से शुरू होकर 31 दिसंबर तक समाप्त होती है। साथ ही, कर्मचारियों को 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी।

पेंशन का कैलकुलेशन कैसे होगा?

यूपीएस में पेंशन का कैलकुलेशन ओल्ड पेंशन स्कीम से थोड़ा अलग होगा। ओपीएस में पेंशन की गणना अंतिम वेतन के आधार पर होती थी, जबकि यूपीएस में पिछले 12 महीनों की औसत सैलरी के आधार पर पेंशन का निर्धारण होगा। यह बदलाव पेंशन की राशि पर सीधा असर डाल सकता है। कर्मचारियों को इस बदलाव के बारे में सावधानी से जानकारी लेनी चाहिए।

50% पेंशन पाने के लिए क्या शर्तें हैं?

यूपीएस के तहत पेंशन के रूप में 50% वेतन मिलने की शर्तें इस प्रकार हैं:

  • केवल वे कर्मचारी जो 1 जनवरी से वेतन वृद्धि प्राप्त करते हैं और 31 दिसंबर को रिटायर होते हैं, उन्हीं को 50% पेंशन मिलेगी।
  • इस योजना का लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो 25 साल की सेवा पूरी करेंगे।
  • पेंशन के लिए कर्मचारी का अंतिम वेतन औसत 12 महीने की सैलरी के बराबर होना चाहिए।
  • कर्मचारी का व्यक्तिगत कोपर्स सरकारी बेंचमार्क कॉपर के बराबर होना चाहिए।

यूपीएस और ओपीएस में अंतर

यूपीएस और ओपीएस के बीच एक बड़ा अंतर है, जो पेंशन की गणना में दिखता है। ओपीएस के तहत पेंशन अंतिम वेतन के आधार पर निर्धारित होती थी, जबकि यूपीएस में यह पिछले 12 महीनों की औसत सैलरी के आधार पर होगी। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है, क्योंकि औसत सैलरी का निर्धारण काफी हद तक बेहतर हो सकता है।

पेंशन के लिए VRS के प्रावधान

यूपीएस के तहत VRS (Voluntary Retirement Scheme) का भी प्रावधान रखा गया है। यदि कर्मचारी स्वेच्छिक रिटायरमेंट लेते हैं, तो पेंशन की गणना उसी तारीख से शुरू होगी जब वह रिटायर होंगे। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, और उनका भविष्य सुनिश्चित रहेगा।

यूपीएस योजना कर्मचारियों के लिए एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के बाद का जीवन आरामदायक बनाने के लिए पर्याप्त पेंशन दी जाएगी।

इस योजना के तहत कर्मचारियों को जो भी लाभ मिलने हैं, उन्हें सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई नई शर्तें और नियम लागू किए हैं। यह कदम कर्मचारियों के लिए सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है, जो कि भविष्य में सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

सरकार की इस नई पहल से उम्मीद है कि कर्मचारियों को अपने रिटायरमेंट के बाद बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, और यह योजना ओल्ड पेंशन स्कीम का एक सुधारित रूप हो सकती है, जो अधिक पारदर्शिता और बेहतर वित्तीय लाभ प्रदान करेगी।

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