सहारा इंडिया के लाखों निवेशकों के लिए राहत की खबर है। जिनका पैसा सहारा समूह की सहकारी समितियों में फंसा है, उनके लिए सरकार ने CRCS-Sahara Refund Portal पर री-सबमिशन प्रक्रिया शुरू की है। यह सुविधा उन निवेशकों के लिए है, जिनके पिछले आवेदन दस्तावेजों में त्रुटि या अन्य तकनीकी कारणों से अस्वीकार हो गए थे।
केंद्र सरकार ने 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहारा रिफंड पोर्टल (mocrefund.crcs.gov.in) लॉन्च किया था, जिसके तहत 5,000 करोड़ रुपये रिफंड के लिए आवंटित किए गए। री-सबमिशन प्रक्रिया के तहत निवेशक 50,000 रुपये तक का रिफंड प्राप्त कर सकते हैं, जो आवेदन स्वीकृति के 45 कार्यदिवसों के भीतर उनके बैंक खाते में जमा हो जाता है। यह प्रक्रिया चार सहकारी समितियों—सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी—के निवेशकों के लिए लागू है।
री-सबमिशन के लिए निवेशकों को mocresubmit.crcs.gov.in पर जाना होगा। प्रक्रिया शुरू करने के लिए आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, क्लेम रिक्वेस्ट नंबर (CRN), और कैप्चा कोड दर्ज करना होगा। ओटीपी सत्यापन के बाद, निवेशक अपनी आवेदन स्थिति देख सकते हैं और आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। सरकार का कहना है कि पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त है।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आधिकारिक पोर्टल का उपयोग करें और किसी भी धोखाधड़ी से बचें। यदि आवेदन फिर से अस्वीकार होता है, तो पोर्टल पर दिए गए कारणों को ठीक कर दोबारा आवेदन किया जा सकता है। सहायता के लिए CRCS हेल्पलाइन या केंद्रीय लोक शिकायत निवारण प्रणाली (CPGRAMS) से संपर्क किया जा सकता है।
यह योजना निवेशकों के लिए अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने का महत्वपूर्ण अवसर है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने से इसकी पहुंच और प्रभाव बढ़ेगा। अधिक जानकारी के लिए mocresubmit.crcs.gov.in पर जाएं।