झारखंड में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम जनमन योजना) का लाभ अब लोगों तक पहुंचने लगा है। इस योजना के तहत हजारों परिवारों के लिए पक्के घर बनने शुरू हो गए हैं। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) के लिए शुरू की गई इस योजना ने कई लोगों की जिंदगी बदल दी है। सरकार का लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद परिवार को पक्का घर, बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलें।
योजना का उद्देश्य और महत्व
पीएम जनमन योजना की शुरुआत 15 नवंबर 2023 को हुई थी। यह योजना जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर शुरू की गई। इसका मकसद है आदिवासी समुदायों का सामाजिक और आर्थिक विकास करना। झारखंड में यह योजना खास तौर पर उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो अब तक कच्चे घरों में रहने को मजबूर थे। सरकार ने इसके लिए 24,104 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इस योजना में 11 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है, जैसे स्थायी आवास, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा।
झारखंड में योजना का प्रभाव
झारखंड के कई जिलों में पीएम जनमन योजना के तहत काम तेजी से चल रहा है। गढ़वा, सरायकेला और जमशेदपुर जैसे क्षेत्रों में हजारों परिवारों को लाभ मिला है। हाल ही में सरायकेला जिले के 42 गांवों में 624 परिवारों को इस योजना का सीधा लाभ मिला। इन परिवारों को पक्के घर, बिजली और पानी की सुविधा दी जा रही है। गढ़वा में जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि सभी PVTG परिवारों को इस योजना का 100% लाभ मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जनवरी 2024 को इस योजना की पहली किस्त के रूप में 540 करोड़ रुपये जारी किए थे। इससे एक लाख PVTG परिवारों के लिए पक्के घर बनाने का काम शुरू हुआ। झारखंड में भी हजारों लाभार्थियों को पहली किस्त मिल चुकी है। इसके अलावा, 25 दिसंबर 2024 से शुरू हुए जागरूकता अभियान में 2 लाख से ज्यादा लोगों ने किसान सम्मान निधि कार्ड, 70,000 ने आधार कार्ड और 82,000 ने आयुष्मान कार्ड के लिए पंजीकरण कराया।