भारत सरकार ने छात्रों की शैक्षिक स्थिति सुधारने और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं। उनमें से एक महत्वपूर्ण योजना “एनएमएमएस स्कॉलरशिप योजना” है, जिसका उद्देश्य गरीब और मेधावी छात्रों की उच्च शिक्षा में मदद करना है। इस योजना के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है| अगर आप इस योजना के तहत स्कॉलरशिप प्राप्त करना चाहते हैं इस पोस्ट को अंत तक पढ़े|
एनएमएमएस स्कॉलरशिप योजना का उद्देश्य
एनएमएमएस स्कॉलरशिप योजना का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों को सहायता प्रदान करना है, जो पढ़ाई में अच्छे हैं लेकिन उनके परिवार आर्थिक रूप से उन्हें सहयोग नहीं कर सकते। यह योजना छात्रों को पढ़ाई जारी रखने में मदद करती है ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकें। इसका लक्ष्य है कि कोई भी होनहार छात्र पैसों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़े।
एनएमएमएस स्कॉलरशिप योजना पात्रता मापदंड
- केवल स्कूली छात्र ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं|
- छात्र ने कम से कम 8वीं कक्षा में 55% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हों।
- आरक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए 8वीं में 50% अंक आवश्यक हैं।
- इस योजना के लिए परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपए तक होनी चाहिए|
एनएमएमएस स्कॉलरशिप योजना छात्रवृत्ति की राशि
इस योजना के अंतर्गत पात्र छात्रों को 12,000 रुपये प्रतिवर्ष की धनराशि दी जाती है, जो उनके शैक्षणिक खर्चों में मदद करती है। यह सहायता राशि कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक दी जाती है। इससे छात्रों को ट्यूशन फीस, किताबें और अन्य शैक्षणिक खर्चों के लिए राहत मिलती है।
एनएमएमएस स्कॉलरशिप योजना चयन प्रक्रिया
- स्कॉलास्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (SAT), जो गणित और विज्ञान जैसे विषयों पर आधारित होता है।
- मेंटल एप्टीट्यूड टेस्ट (MAT), जो तर्कशक्ति और मानसिक क्षमता का आकलन करता है।
छात्रों को इन दोनों परीक्षाओं को पास करना आवश्यक होता है, जिसके बाद उन्हें स्कॉलरशिप दी जाती है।
एनएमएमएस स्कॉलरशिप योजना आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले, छात्र को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना होगा।
- पंजीकरण के बाद छात्र को लॉगिन करके आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें उसकी व्यक्तिगत और शैक्षणिक जानकारी शामिल होती है।
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद आवेदन जमा करना होता है।
- आवेदन जमा करने के बाद उसकी एक प्रति प्रिंट करके भविष्य के लिए सुरक्षित रखनी चाहिए।