मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत राज्य के करीब 81 लाख किसानों के खाते में नई किस्त के रूप में ₹2000 जमा किए हैं। यह राशि किसानों को सालाना ₹6000 की सहायता के रूप में तीन किस्तों में दी जाती है, जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अतिरिक्त है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना है, जिससे वे खेती से जुड़े अपने महत्वपूर्ण खर्चों को पूरा कर सकें।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना किसानों को अतिरिक्त सहायता देने के लिए बनाई गई है, ताकि वे महंगे खाद-बीज, सिंचाई और अन्य कृषि आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर, मध्य प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को अतिरिक्त ₹6000 सालाना देती है। इसके जरिए किसानों को ₹2000 की तीन किस्तें बैंक खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) से भेजी जाती हैं।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना पात्रता शर्तें
इस योजना के तहत लाभार्थी वही किसान हो सकते हैं जो मध्य प्रदेश के निवासी हों और जिनके पास कृषि भूमि का स्वामित्व हो। साथ ही, किसान पहले से पीएम किसान योजना के अंतर्गत पंजीकृत होने चाहिए। बड़े किसान, करदाता, और सरकारी सेवाओं में कार्यरत परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिलता। यह सुनिश्चित करने के लिए कि केवल जरूरतमंद किसान इसका लाभ उठा सकें, कई वर्गों को इससे बाहर रखा गया है।
आवश्यक दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया
पात्र किसानों के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बैंक खाता विवरण, और पीएम किसान योजना का रजिस्ट्रेशन नंबर शामिल हैं। पंजीकरण प्रक्रिया सरल है; किसान saara.mp.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। योजना की स्थिति चेक करने के लिए पंजीकरण संख्या का उपयोग किया जा सकता है। यह ऑनलाइन सुविधा किसानों को घर बैठे आसानी से आवेदन और भुगतान की स्थिति जांचने का अवसर देती है।
लाभ का वितरण और स्थिति जांचने की प्रक्रिया
योजना की प्रत्येक किस्त डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है। किसान खातों में राशि जमा होते ही एसएमएस या बैंक नोटिफिकेशन के जरिए इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी समस्या के लिए बैंक पासबुक या ऑनलाइन पोर्टल पर स्टेटस चेक किया जा सकता है। डीबीटी प्रक्रिया से पारदर्शिता सुनिश्चित होती है और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग की संभावनाएं कम होती हैं।