राज्य सरकार ने 2024 के बजट में एक नई योजना की घोषणा की थी, जिसे “मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना” कहा गया है। यह योजना राज्य के पशुपालकों के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकती है, क्योंकि इसके तहत अब पशुओं का बीमा 5 लाख रुपये तक किया जाएगा। इसके अंतर्गत गाय, भैंस, ऊंट और अन्य पशुओं को बीमा कवरेज मिलेगा, जिससे पशुपालकों को उनके पशुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त होगी।
मंगला पशु बीमा योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का उद्देश्य राजस्थान के पशुपालकों को उनके पशुओं का बीमा कराने में मदद करना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार ने तय किया है कि 5 लाख रुपये तक का बीमा राशि दी जाएगी, जिससे पशुपालक अपने पशुओं की देखभाल और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार कर सकते हैं। पहले कामधेनु बीमा योजना में केवल 40,000 रुपये तक का बीमा उपलब्ध था, जो अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।
इस योजना का एक विशेष उद्देश्य ऊंट संरक्षण और विकास को बढ़ावा देना है। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री, दीया कुमारी ने इस योजना के तहत ऊंटों के संरक्षण पर जोर दिया है, जो इस राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण पशु है।
किस प्रकार के पशुओं का होगा बीमा
मंगला पशु बीमा योजना के अंतर्गत गाय, भैंस, ऊंट, भेड़ और बकरियां बीमित की जाएंगी। हालांकि, इस योजना का लाभ सिर्फ उन पशुओं को मिलेगा जिनकी स्वच्छता और स्वास्थ्य स्थिति ठीक हो। यदि पशु को किसी जहरीले पदार्थ या घास के कारण बीमारी होती है, तो उसे इस बीमा के अंतर्गत कवर नहीं किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत कुल 400 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है, जिसके माध्यम से 21 लाख पशुओं का बीमा किया जाएगा।
मंगला पशु बीमा योजना पात्रता मापदंड
इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के स्थायी निवासी पशुपालकों को ही मिलेगा। इसके अलावा, इस योजना का लाभ देशी नस्ल की दुधारू गायों के लिए ही होगा। यह योजना राज्य के किसानों और पशुपालकों को उनके पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए एक सुरक्षित रास्ता प्रदान करेगी।
मंगला पशु बीमा योजना कैसे करें आवेदन?
पशुपालक इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया को फॉलो कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेज़ों की जानकारी और आवेदन फॉर्म को भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध होगी। सरकार द्वारा इस योजना का प्रचार और आवेदन के लिए कई केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे, ताकि हर पशुपालक इसका लाभ उठा सके।