झारखंड राज्य की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत ₹2500 की राशि का वितरण शुरू हो चुका है। यह योजना राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि सरकार बनने पर इस योजना की राशि बढ़ाकर ₹2500 कर दी जाएगी, और अब यह वादा पूरा किया गया है।
योजना का उद्देश्य और लाभार्थी
मंईयां सम्मान योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयु की महिलाएं, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹3 लाख से कम है, लाभार्थी हो सकती हैं। महिलाओं को हर महीने ₹2500 की राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और परिवार के संचालन में सहयोग कर सकें।
योजना की शुरुआत और प्रगति
इस योजना की शुरुआत अगस्त 2024 में हुई थी, और तब से अब तक लाखों महिलाओं ने इसका लाभ उठाया है। सरकार के अनुसार, लगभग 65 लाख महिलाओं ने इस योजना के लिए आवेदन किया है, जिनमें से 55 लाख से अधिक महिलाओं को दिसंबर 2024 से ₹2500 की किस्त मिलनी शुरू हो गई है। 26 दिसंबर 2024 से महिलाओं के बैंक खातों में यह राशि जमा होनी शुरू हो चुकी है।
पात्रता और आवश्यकताएं
इस योजना का लाभ पाने के लिए निम्नलिखित पात्रताएं निर्धारित की गई हैं:
- आवेदक महिला झारखंड की मूल निवासी होनी चाहिए।
- परिवार की सालाना इनकम ₹3 लाख से कम होनी चाहिए।
- महिला के पास राशन कार्ड होना आवश्यक है।
- बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए।
- महिला स्वयं किसी रोजगार में संलग्न नहीं होनी चाहिए।
- परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता(यानी इनकम टेक्स भरता) नहीं होना चाहिए।
- परिवार के पास चार पहिया वाहन (यानी गाड़ी) नहीं होना चाहिए।
भुगतान की स्थिति कैसे जांचें
यदि आप इस योजना की लाभार्थी हैं, तो आप अपने बैंक खाते का बैलेंस चेक करके यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि ₹2500 की राशि जमा हुई है या नहीं। इसके लिए आप अपने बैंक की पासबुक अपडेट करवा सकती हैं या मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से बैलेंस चेक कर सकती हैं। यदि आपके खाते में राशि जमा हुई है, तो आपको बैंक की ओर से SMS भी प्राप्त हुआ होगा।
महिलाओं की प्रतिक्रिया
इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से राज्य की महिलाएं बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि इस राशि से वे अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगी और परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकेंगी। कई महिलाओं ने सरकार के इस कदम की सराहना की है और इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया है।