झारखंड की महिलाओं के लिए इस होली पर खुशियों की सौगात लेकर आई है राज्य सरकार की ‘मईया सम्मान योजना’। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की है कि इस योजना के तहत 60 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 5000 रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उनकी होली की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी।
मईया सम्मान योजना
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने अगस्त 2024 में ‘मईया सम्मान योजना’ की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत राज्य की 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे अपनी और अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
होली का विशेष उपहार: 5000 रुपये की राशि
इस वर्ष होली के शुभ अवसर पर, सरकार ने जनवरी और फरवरी माह की बकाया दो किस्तों को एक साथ जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे प्रत्येक लाभार्थी महिला के खाते में 5000 रुपये की राशि जमा की जाएगी। यह निर्णय महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और उन्हें त्योहार की तैयारियों में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
राशि ट्रांसफर की प्रक्रिया और समयसीमा
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि 15 मार्च 2025 से पहले सभी पात्र महिलाओं के बैंक खातों में यह राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके लिए संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि प्रक्रिया में कोई विलंब न हो और महिलाएं समय पर इस सहायता का लाभ उठा सकें।
पात्रता और आवश्यक शर्तें
मईया सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- लाभार्थी महिला झारखंड राज्य की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- मईया सम्मान योजना लाभ लेने के लिए महिला की आयु सीमा 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- महिला के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी या आयकर दाता नहीं होना चाहिए, और न ही परिवार के पास चार पहिया वाहन होना चाहिए।
- महिला का आधार नंबर बैंक खाते से लिंक होना आवश्यक है, ताकि राशि सीधे खाते में ट्रांसफर की जा सके।
विधवा और दिव्यांग महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान
विधानसभा में विधवा और दिव्यांग महिलाओं को भी इस योजना का लाभ देने के संबंध में चर्चा हुई है। विधायक सीपी सिंह ने सुझाव दिया कि 18 से 50 वर्ष की विधवा और दिव्यांग महिलाओं को भी मईया सम्मान योजना के तहत 2500 रुपये की सहायता राशि मिलनी चाहिए। इसके जवाब में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने बताया कि राज्य सरकार विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए 2 लाख रुपये की सहायता प्रदान करती है, और केंद्र सरकार से भी इतनी ही राशि की मांग की गई है, जिससे कुल सहायता राशि 4 लाख रुपये हो सके।
सत्यापन प्रक्रिया और संभावित देरी
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि राशि ट्रांसफर से पहले लाभार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा, ताकि केवल पात्र महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिल सके। यदि किसी महिला के दस्तावेज़ अधूरे हैं या आधार नंबर बैंक खाते से लिंक नहीं है, तो राशि ट्रांसफर में देरी हो सकती है। इसलिए, सभी लाभार्थियों से अनुरोध है कि वे अपने दस्तावेज़ों की जांच कर लें और सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक शर्तें पूरी हों।
राशि न मिलने पर क्या करें?
यदि 15 मार्च 2025 तक आपके बैंक खाते में यह राशि जमा नहीं होती है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:
- बैंक खाते की जांच करें: सुनिश्चित करें कि आपका आधार नंबर आपके बैंक खाते से लिंक है। यदि नहीं, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और इसे लिंक करवाएं।
- दस्तावेज़ सत्यापन: अपने सभी दस्तावेज़ों की जांच करें और सुनिश्चित करें कि वे सही और पूर्ण हैं। यदि कोई त्रुटि हो, तो संबंधित विभाग से संपर्क करके उसे सुधारें।
- स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें: अपने ग्राम पंचायत या ब्लॉक कार्यालय में जाकर अपनी समस्या बताएं और समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
- ऑनलाइन पोर्टल पर स्थिति जांचें: सरकारी पोर्टल पर जाकर अपने आवेदन की स्थिति जांचें और यदि कोई समस्या हो, तो उसे ठीक करें।