झारखंड में महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने वाली मैया सम्मान योजना को लेकर हाल ही में एक बड़ी खबर आई है। झारखंड की सरकार ने इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया है, जिससे लाखों महिलाएं प्रभावित होंगी। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सहायता राशि दी जाती थी, जो कि सालाना 12000 रुपये होती है। इस लेख में हम विस्तार से इस योजना के बंद होने के कारण, इसके प्रभाव, और संभावित विकल्पों पर चर्चा करेंगे।
मैया सम्मान योजना का संक्षिप्त परिचय
मैया सम्मान योजना झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए शुरू की गई थी। यह योजना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लागू की गई थी, जिसमें विशेष रूप से गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती थी। योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था।
योजना के बंद होने का कारण
हाल ही में आई रिपोर्टों के अनुसार, झारखंड में आगामी चुनावों को देखते हुए सरकार ने इस योजना को बंद करने का विचार किया है। सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक स्थिति के बदलने के कारण यह योजना बंद हो सकती है। चुनावी माहौल में विभिन्न पार्टियाँ नई योजनाओं की घोषणा कर रही हैं, जिससे मैया सम्मान योजना के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छठ पूजा के अवसर पर योजना के तहत चौथी किस्त देने का आश्वासन दिया है, लेकिन चुनाव के बाद नई सरकार यदि परिवर्तन लाती है तो यह योजना बंद हो सकती है। इससे पहले भी झारखंड की राजनीति में ऐसे कई उदाहरण रहे हैं जहाँ योजनाएँ चुनाव के बाद समाप्त हो गई हैं।
महिलाओं पर प्रभाव
अगर मैया सम्मान योजना बंद होती है, तो इसका सीधा प्रभाव झारखंड की महिलाओं पर पड़ेगा। बहुत सी महिलाएं इस राशि पर निर्भर थीं, जो उनके परिवार के आर्थिक तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी। अचानक से इस सहायता का समाप्त होना उनके जीवन में कठिनाइयाँ उत्पन्न कर सकता है।
विकल्पों की खोज
हालांकि, राजनीतिक बदलाव के बीच नई योजनाओं की घोषणाएँ भी हो रही हैं। हाल ही में भाजपा द्वारा “गोगो दीदी योजना” का ऐलान किया गया है, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये की सहायता देने की बात कही गई है। यदि भाजपा चुनाव में सफल होती है, तो यह योजना लागू हो सकती है। वहीं, झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) पार्टी भी अपनी नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है, जिसमें पहले से चल रही योजनाओं का पुनर्गठन किया जा सकता है।
चौथी किस्त की स्थिति
सूत्रों के अनुसार, महिलाओं को चौथी किस्त की राशि अवश्य मिलेगी। सरकार ने इसके लिए फंड जारी कर दिया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि छठ पूजा के अवसर पर महिलाओं को आर्थिक सहायता प्राप्त हो। लेकिन इसके बाद इस योजना की स्थिति क्या होगी, यह आगामी चुनाव के परिणामों पर निर्भर करेगा।