झारखंड सरकार की कैबिनेट बैठक आज, 18 फरवरी 2025 को शाम 4 बजे प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित होगी। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा होने की संभावना है, जिनमें ‘मंईयां सम्मान योजना’ के लंबित भुगतानों का मुद्दा प्रमुख है। पिछले दो महीनों से इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को राशि का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे वे आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रही हैं।
मंईयां सम्मान योजना: महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता
‘मंईयां सम्मान योजना’ झारखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत 18 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता दी जाती है। पिछले वर्ष, अक्टूबर 2024 में, सरकार ने इस योजना की राशि 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया था, जिससे महिलाओं को वार्षिक 30,000 रुपये की सहायता मिलती है। यह निर्णय 14 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था।
लंबित भुगतानों की समस्या
हालांकि, दिसंबर 2024 से बढ़ी हुई राशि लागू होनी थी, लेकिन तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से पिछले दो महीनों से लाभार्थी महिलाओं को भुगतान नहीं हो सका है। इससे महिलाओं में निराशा और असंतोष की भावना बढ़ी है। आज की कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है, ताकि लंबित भुगतानों को शीघ्र जारी किया जा सके और महिलाओं को राहत मिल सके।
अन्य संभावित प्रस्ताव
कैबिनेट बैठक में ‘ग्रास रूट इनोवेशन इंटर्नशिप योजना’ पर भी चर्चा हो सकती है। इस योजना के तहत राज्य के कॉलेजों के छात्रों को गांवों में जाकर इंटर्नशिप करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे परंपरागत नवाचारों को पहचान सकें और उन्हें प्रोत्साहित कर सकें। यह इंटर्नशिप आठ सप्ताह की होगी, जिसमें छात्रों को 10,000 रुपये का स्टाइपेंड मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी हुई प्रतिभाओं और नवाचारों को सामने लाना है।
इसके अलावा, उद्योग विभाग ‘एमएसएमई स्पेशल कंसेशन’ प्रस्ताव भी प्रस्तुत कर सकता है, जिसके तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बिना किसी पूर्व मंजूरी के उद्योग स्थापित करने की अनुमति दी जाएगी। इससे उद्यमियों को तीन वर्षों तक किसी प्रकार की सरकारी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
पारा शिक्षकों के लिए ईपीएफ सुविधा
पिछली कैबिनेट बैठकों में, झारखंड के 62,000 पारा शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ देने का निर्णय लिया गया था। इस फैसले के तहत, पारा शिक्षकों के मानदेय से हर महीने 1,800 रुपये ईपीएफ में कटेंगे, जबकि राज्य सरकार अपनी ओर से 1,950 रुपये का योगदान करेगी। इससे पारा शिक्षकों को भविष्य में आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और उनकी सेवा शर्तों में सुधार होगा।