झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना ने लाखों महिलाओं को आर्थिक सहारा दिया है। अब इस योजना की 9वीं और 10वीं किस्त को लेकर बड़ी खबर आई है। सरकार ने घोषणा की है कि 15 मई 2025 से दोनों किस्तों की राशि एक साथ दी जाएगी। यह राशि ₹5000 होगी। यह अप्रैल और मई 2025 की किस्तें हैं। 57 लाख महिलाएं इस योजना की लाभार्थी हैं। आइए जानते हैं इस योजना की ताजा जानकारी, पेमेंट स्टेटस, और सत्यापन की प्रक्रिया।
योजना का उद्देश्य
मंईया सम्मान योजना की शुरुआत अगस्त 2024 में हुई थी। इसका लक्ष्य झारखंड की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक मदद देना है। योजना के तहत हर महीने ₹2500 की राशि दी जाती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए बैंक खातों में जाती है। इससे महिलाएं घर चलाने, बच्चों की पढ़ाई, और छोटे व्यवसाय शुरू करने में सक्षम हो रही हैं।
9वीं और 10वीं किस्त की तारीख
9वीं किस्त अप्रैल 2025 में जारी होनी थी। लेकिन सत्यापन में देरी के कारण यह राशि नहीं दी गई। अब सरकार ने फैसला लिया है कि 15 मई 2025 से 9वीं और 10वीं किस्त एक साथ दी जाएगी। यह राशि ₹5000 होगी। 43 लाख महिलाओं के खातों में यह राशि पहले चरण में जमा होगी। बाकी महिलाओं को दूसरे चरण में राशि मिलेगी।
पात्रता के नियम
- 18 से 50 वर्ष की महिलाएं मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना का लाभ ले रही हैं।
- वह झारखंड की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- बैंक खाता आधार से लिंक और DBT सक्रिय होना चाहिए।
- परिवार में कोई आयकर दाता या सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए।
- घर में ट्रैक्टर या अन्य चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए। इन शर्तों को पूरा करने वाली महिलाएं ही पात्र हैं।
पेमेंट स्टेटस चेक करने की प्रक्रिया
पेमेंट स्टेटस चेक करने के लिए:
- वेबसाइट mmmsy.jharkhand.gov.in पर जाएं।
- Payment Status विकल्प चुनें।
- आधार नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर डालें।
- OTP से वेरिफिकेशन करें।
- पेमेंट की जानकारी स्क्रीन पर दिखेगी। लाभार्थी सूची पंचायत कार्यालय या आंगनवाड़ी केंद्र पर भी उपलब्ध है।
आधार सीडिंग और सत्यापन
आधार सीडिंग मंईया सम्मान योजना के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। जिन महिलाओं का आधार बैंक खाते से लिंक नहीं है, उनकी किस्त रुक सकती है। सरकार ने 1 से 7 मई 2025 तक कैंप लगाए हैं। इन कैंपों में:
- आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और राशन कार्ड लें।
- कर्मचारी आधार को बैंक खाते से लिंक करेंगे।
- OTP वेरिफिकेशन के बाद प्रक्रिया पूरी होगी। सत्यापन में 16 लाख महिलाओं के आवेदन रद्द हुए। इसका कारण गलत जानकारी या डेटा मिसमैच था। ऐसी महिलाएं प्रखंड कार्यालय में सत्यापन करा सकती हैं।