झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना से महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। योजना की 9वीं और 10वीं क़िस्त के 5000 रुपये जल्द ही लाभार्थी महिलाओं के खातों में जमा होंगे। यह योजना गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक मदद देती है। इसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। आइए जानते हैं इस योजना की ताजा जानकारी और क़िस्त से जुड़े विवरण।
मंईयां सम्मान योजना क्या है?
मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुरू किया था। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की पात्र महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाते हैं। सालाना 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है। यह राशि सीधे महिलाओं के बैंक खाते में डीबीटी के जरिए भेजी जाती है। योजना का मुख्य लक्ष्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सशक्त करना है।
9वीं और 10वीं क़िस्त का अपडेट
मंईयां सम्मान योजना की 9वीं क़िस्त अप्रैल 2025 में जारी होनी थी। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसमें देरी हुई। सरकार ने अब फैसला लिया है कि 9वीं और 10वीं क़िस्त एक साथ मई 2025 में दी जाएगी। प्रत्येक क़िस्त 2500 रुपये की है। इस तरह कुल 5000 रुपये लाभार्थियों के खाते में आएंगे। यह राशि 15 मई 2025 तक 43 लाख महिलाओं के खातों में ट्रांसफर होगी।
पात्रता की शर्तें
महिला झारखंड की स्थायी निवासी होनी चाहिए। उसकी उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। परिवार की सालाना आय ढाई लाख रुपये से कम होनी चाहिए। आयकर दाता, सरकारी कर्मचारी या चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर) वाले परिवार की महिलाएं पात्र नहीं हैं। आधार कार्ड और बैंक खाता डीबीटी से लिंक होना जरूरी है।
क़िस्त की स्थिति कैसे जांचें?
लाभार्थी अपनी क़िस्त की स्थिति ऑनलाइन जांच सकती हैं। इसके लिए निम्नलिखित चरण फॉलो करें:
- मंईयां सम्मान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- “लॉगिन” विकल्प पर क्लिक करें।
- आवेदन आईडी और पासवर्ड डालें।
- “पेमेंट स्टेटस” विकल्प चुनें।
- 9वीं और 10वीं क़िस्त का विवरण देखें।
अगर पेमेंट नहीं दिख रहा है, तो आधार सीडिंग और सत्यापन की स्थिति जांचें।
आवेदन और सत्यापन प्रक्रिया
योजना में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आधिकारिक वेबसाइट पर फॉर्म भरें। आधार कार्ड, बैंक पासबुक, आय प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करें। आवेदन के बाद भौतिक सत्यापन होता है। सभी जिला कलेक्टरों को सत्यापन तेज करने के आदेश दिए गए हैं। सत्यापन पूरा होने पर ही क़िस्त की राशि मिलती है।