हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को कम करना है। धान की कटाई के बाद किसानों को पराली जलाने के बजाय सही तरीके से निपटाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को प्रति एकड़ ₹1000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। अगर आप भी हरियाणा राज्य की किसान है तो इस योजना के तहत लाभ लेने से संबंधित पूरी जानकारी विस्तार से जानने के लिए पोषण तक पढ़े|
हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है। पराली जलाने से उठने वाले धुएं के कारण हवा में हानिकारक तत्व बढ़ जाते हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इससे बचाव के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है, ताकि वे पराली जलाने के बजाय उसे अन्य तरीकों से निपटाएं।
हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना पात्रता और लाभार्थी
हरियाणा का कोई भी किसान, जो धान की खेती करता है और पराली नहीं जलाता है, इस योजना के लिए पात्र है। यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। सरकार की यह पहल न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह किसानों को अतिरिक्त आमदनी का अवसर भी प्रदान करती है।
हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना आवश्यक दस्तावेज़
- खेती से जुड़े दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- भूमि रिकॉर्ड दस्तावेज़
- बैंक खाता विवरण
- पहचान प्रमाण (पैन कार्ड या वोटर आईडी)
हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना से जुड़े कुछ प्रमुख बिंदु
- प्रति एकड़ ₹1000 की प्रोत्साहन राशि मिलती है।
- योजना का उद्देश्य पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकना है।
- किसानों को वैकल्पिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जैसे कि पराली को खाद में बदलना या उसे नष्ट करना।
हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना बेहद आसान है। किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए किसानों को हरियाणा कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और वहाँ से रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा। फॉर्म में आवश्यक दस्तावेज़ों को अपलोड कर, सबमिट करना होता है। अगर किसान ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो वे अपने नजदीकी CSC सेंटर से सहायता ले सकते हैं।