दिवाली के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीब और वंचित वर्ग के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। यह तोहफा देश की आर्थिक रूप से कमजोर आबादी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका सीधा संबंध उनके दैनिक जीवन से है। इस योजना के तहत, सरकार ने फ्री राशन गिफ्ट योजना का विस्तार करते हुए करोड़ों लाभार्थियों को राहत दी है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य गरीबों को खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करना है, ताकि वे महंगाई के दौर में भी अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें।
फ्री राशन गिफ्ट योजना का उद्देश्य
फ्री राशन गिफ्ट योजना का प्रमुख उद्देश्य देश के गरीब और जरूरतमंद लोगों को राहत प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से, सरकार चाहती है कि देश के हर गरीब परिवार को उनके जीवन के बुनियादी आवश्यकताओं जैसे कि गेहूं, चावल और अन्य जरूरी खाद्य पदार्थ बिना किसी लागत के उपलब्ध कराए जाएं। इस योजना के तहत केंद्र सरकार हर महीने लाभार्थियों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराती है, जिसमें गेहूं, चावल, और दालें शामिल हैं।
महामारी के समय से ही इस योजना का विस्तार लगातार किया जा रहा है। सरकार ने इसे लॉकडाउन के दौरान शुरू किया था ताकि जिन लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है, उन्हें भोजन की कमी न हो। इस योजना की सफलता और इसकी मांग को देखते हुए, इसे अब भविष्य के कुछ और वर्षों तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
किसे मिलेगा लाभ?
फ्री राशन गिफ्ट योजना का लाभ समाज के सबसे निचले आर्थिक वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत देश के करीब 80 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं। लाभार्थियों में वे परिवार शामिल हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पंजीकृत हैं। यह योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के अंतर्गत आती है, और इसका विस्तार अगले कुछ वर्षों तक कर दिया गया है ताकि सभी जरूरतमंद परिवारों को समय पर मदद मिल सके।
केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस योजना का सफल कार्यान्वयन कर रही हैं, और इसके अंतर्गत हर लाभार्थी को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज मुफ्त में दिया जा रहा है। इसके अलावा, योजना के तहत लाभार्थियों को खासतौर से फोर्टिफाइड चावल (जो विटामिन और मिनरल्स से युक्त होता है) भी प्रदान किया जा रहा है ताकि कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सके।
ई-केवाईसी: योजना का हिस्सा बनने की अनिवार्यता
फ्री राशन गिफ्ट योजना का लाभ पाने के लिए सरकार ने ई-केवाईसी (Know Your Customer) को अनिवार्य कर दिया है। ई-केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करती है कि जो लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, वे इसके पात्र हैं और राशन का सही उपयोग हो रहा है। इस प्रक्रिया के तहत लाभार्थियों को अपने आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक करना होता है। ई-केवाईसी के बिना कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता है, इसलिए जिन लाभार्थियों ने अब तक अपनी ई-केवाईसी पूरी नहीं की है, उन्हें जल्द से जल्द इसे पूरा करने की सलाह दी जा रही है।
दिवाली के मौके पर बड़ा ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल दिवाली से पहले यह घोषणा की कि फ्री राशन योजना को 2028 तक बढ़ाया जाएगा। यह घोषणा गरीबों और वंचितों के लिए किसी दिवाली गिफ्ट से कम नहीं है। इस योजना के विस्तार से करोड़ों परिवारों को आने वाले वर्षों तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा, जिससे वे अपनी जीवनयापन की कठिनाइयों से कुछ हद तक मुक्त रह सकेंगे।
प्रधानमंत्री का यह फैसला उन लाखों परिवारों के लिए राहत लेकर आया है जो महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे थे। यह कदम निश्चित रूप से देश के गरीब और कमजोर वर्ग के लिए दीर्घकालिक राहत का एक जरिया बनेगा।
फोर्टिफाइड चावल: बेहतर पोषण की दिशा में एक कदम
इस बार की फ्री राशन गिफ्ट योजना में सरकार ने फोर्टिफाइड चावल का भी प्रावधान किया है। फोर्टिफाइड चावल वह चावल होता है जिसमें विटामिन, आयरन और अन्य पोषक तत्व मिलाए जाते हैं, जिससे लोगों को आवश्यक पोषण मिल सके। गरीब और जरूरतमंद लोग, जो नियमित रूप से संतुलित आहार नहीं ले पाते, उनके लिए यह चावल अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है।
सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि देश में कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सके, खासकर बच्चों और महिलाओं में। यह एक दीर्घकालिक योजना है जो लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए बनाई गई है।