भारत सरकार द्वारा गरीब महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (PMUY) के तहत मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर और सब्सिडी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत हर साल दिवाली और होली पर महिलाओं को दो मुफ्त सिलेंडर दिए जाते हैं। लेकिन इस योजना से लगभग 41 प्रतिशत महिलाएं बाहर रह जाएंगी। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि इन महिलाओं के आधार कार्ड उनके बैंक खातों से लिंक नहीं हैं या उन्होंने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है।
योजना की पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ रसोई गैस मुहैया कराना था, ताकि उन्हें लकड़ी और कोयले के धुएं से होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिल सके। समय के साथ, इस योजना को और विस्तारित किया गया, जिससे और भी कई महिलाएं इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हो सकीं।
साल 2024 में सरकार ने फ्री गैस सिलेंडर और सब्सिडी की घोषणा की, जिसके तहत उज्जवला योजना से जुड़ी महिलाओं को साल में दो बार दिवाली और होली पर मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर प्रदान किए जाते हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि महिलाओं के आधार कार्ड उनके बैंक खातों से जुड़े हों और उनकी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो।
क्यों वंचित रह जाएंगी 41 प्रतिशत महिलाएं?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुल 1.85 करोड़ महिलाओं में से केवल 1.08 करोड़ महिलाओं के आधार बैंक खातों से लिंक हैं और उनकी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी है। इसका मतलब है कि 41 प्रतिशत महिलाएं, यानी करीब 77 लाख महिलाएं इस योजना से वंचित रह जाएंगी, क्योंकि उनके आधार बैंक खातों से जुड़े नहीं हैं। यह समस्या खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में अधिक देखने को मिलती है, जहां आधार और बैंक खातों को लिंक कराने में काफी समस्याएं होती हैं।
क्या है आधार लिंक और ई-केवाईसी की प्रक्रिया?
आधार को बैंक खाते से लिंक कराना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि सब्सिडी का पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजा जाता है। यदि बैंक खाता आधार से लिंक नहीं होगा, तो सब्सिडी का पैसा खाते में नहीं आ सकेगा। इसके साथ ही, ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) की प्रक्रिया भी पूरी होनी चाहिए, जो सरकार को लाभार्थी के पहचान और अन्य जानकारियां सत्यापित करने में मदद करती है।
महिलाओं को योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
जिन महिलाओं ने अपने आधार को बैंक खाते से लिंक कर रखा है और ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है, उन्हें इस योजना का पूरा लाभ मिलेगा। इन महिलाओं को हर साल दिवाली और होली पर फ्री रसोई गैस सिलेंडर दिया जाएगा। इसके अलावा, महीने दर महीने सिलेंडर पर सब्सिडी भी उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2024 में यूपी में 14.2 किलो का सिलेंडर 840.50 रुपये का है, जिसमें से 300 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। इस तरह महिलाओं को सिलेंडर लगभग 540.50 रुपये में मिलेगा।
महिलाओं को कौन-कौन सी समस्याएं हो रही हैं?
गांवों और दूरदराज के इलाकों में रहने वाली महिलाओं को अपने आधार को बैंक खाते से लिंक कराने में दिक्कतें आ रही हैं। कई बार बैंक से लेकर आधार केंद्रों तक का सफर करना मुश्किल हो जाता है, जिसके चलते कई महिलाएं समय पर यह प्रक्रिया पूरी नहीं कर पातीं। इसके अलावा, ई-केवाईसी की प्रक्रिया भी कई बार तकनीकी समस्याओं या इंटरनेट की उपलब्धता के अभाव के कारण पूरी नहीं हो पाती।
क्या सरकार कर रही है इस समस्या का समाधान?
सरकार ने इस समस्या का हल निकालने के लिए विभिन्न योजनाओं और प्रयासों का ऐलान किया है। आधार और बैंक खातों को लिंक करने के लिए कई विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं, जहां महिलाएं जाकर यह काम करवा सकती हैं। इसके अलावा, कई बैंक मोबाइल आधार सीडिंग की सुविधा भी दे रहे हैं, ताकि दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग भी इस प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकें।
अन्य राज्यों की योजनाएं
उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी उज्जवला योजना से जुड़े लाभ दिए जा रहे हैं। राजस्थान की सरकार 450 रुपये में सिलेंडर प्रदान कर रही है, जबकि हरियाणा और महाराष्ट्र की सरकारें भी अपनी योजनाओं के तहत सस्ता सिलेंडर प्रदान कर रही हैं। राजस्थान में महिलाओं को एक साल में 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है, और हरियाणा की “हर घर हर गृहणी योजना” के तहत महिलाओं को 500 रुपये में सिलेंडर दिया जा रहा है। महाराष्ट्र में भी तीन मुफ्त सिलेंडरों की योजना चलाई जा रही है।