प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कृषि और ग्रामीण विकास से संबंधित बजट प्रस्तावों के त्वरित कार्यान्वयन पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार का बजट ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें कृषि क्षेत्र की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कृषि क्षेत्र की प्रगति और बजट की प्राथमिकताएं
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्षों में कृषि उत्पादन में हुई वृद्धि का उल्लेख करते हुए बताया कि पिछले दशक में खाद्यान्न उत्पादन 265 मिलियन टन से बढ़कर वर्तमान में 330 मिलियन टन से अधिक हो गया है। इसी तरह, बागवानी उत्पादन भी 350 मिलियन टन से अधिक पहुंच गया है। उन्होंने इसे सरकार की नीतियों, कृषि सुधारों और किसान सशक्तिकरण का परिणाम बताया।
धन धान्य कृषि योजना का शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने बजट में घोषित ‘धन धान्य कृषि योजना’ की विशेष चर्चा की, जिसे उन्होंने अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकता बताया। यह योजना देश के 100 कम उत्पादकता वाले कृषि जिलों के विकास पर केंद्रित है, जो ‘आकांक्षात्मक जिलों’ के मॉडल पर आधारित है। प्रधानमंत्री ने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया कि वे इन जिलों में हुए सकारात्मक परिणामों का अध्ययन करें और धन धान्य कृषि योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहयोग करें।
उदाहरण के रूप में मखाना बोर्ड की स्थापना
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयासों से स्थानीय कृषि उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया कि वे देश और वैश्विक बाजार में पोषणयुक्त खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करें।
उन्नत बीजों और उच्च उत्पादकता पर जोर
प्रधानमंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि 2014 से 2024 के बीच 2,900 से अधिक नई फसल किस्में विकसित की गई हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे उन्नत बीजों के वितरण में भागीदार बनें, ताकि छोटे किसानों तक उच्च उत्पादकता वाले बीज पहुंच सकें।
दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता
दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जबकि चना और मूंग की पैदावार में आत्मनिर्भरता हासिल की गई है, तूर, उरद और मसूर की पैदावार बढ़ाने के लिए उन्नत किस्मों और संकर बीजों का उपयोग आवश्यक है।
कृषि बजट के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुझाव आमंत्रित
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी कृषि संबंधित पक्षों से आग्रह किया कि वे बजट के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुझाव दें और किसी भी प्रकार की बाधाओं को दूर करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि अब बजट बन चुका है, और हमारा पूरा ध्यान इसके क्रियान्वयन पर होना चाहिए।