झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस योजना का लाभ गलत तरीके से लेने वाली महिलाओं को अब पूरी राशि लौटानी होगी। जमशेदपुर में वार्ड सदस्यों और अन्य लाभार्थियों को नोटिस जारी किए गए हैं। सरकार ने दो दिनों के भीतर राशि जमा करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई योजना को पारदर्शी और सही लोगों तक पहुँचाने के लिए की जा रही है।
मंईयां सम्मान योजना क्या है?
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाओं को आर्थिक मदद देना है। इस योजना के तहत 21 से 50 साल की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाते हैं। साल भर में यह राशि 30,000 रुपये हो जाती है। यह पैसा सीधे महिलाओं के बैंक खाते में जाता है। योजना का लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके परिवार की मदद करना है।
गड़बड़ी की शिकायतें और जांच
हाल ही में मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ी की कई शिकायतें सामने आईं। कुछ महिलाओं ने गलत दस्तावेज देकर योजना का लाभ लिया। जमशेदपुर में वार्ड सदस्यों और उनके परिवारों पर भी फर्जीवाड़े का आरोप लगा। जांच में पाया गया कि कई अपात्र लोग योजना का लाभ ले रहे थे। इसमें सरकारी कर्मचारियों के परिवार और साधन-संपन्न महिलाएँ शामिल थीं। सरकार ने ऐसी 876 फर्जी लाभार्थियों की पहचान की है।
सख्त कार्रवाई का ऐलान
झारखंड सरकार ने फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। जमशेदपुर प्रशासन ने वार्ड सदस्यों को नोटिस भेजकर दो दिनों में राशि लौटाने को कहा। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। हजारीबाग के इचाक प्रखंड में भी 876 फर्जी लाभार्थियों से राशि वसूली शुरू हो गई है। सरकार ने सभी जिलों के डीसी को लाभार्थियों की भौतिक सत्यापन करने का आदेश दिया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि योजना का लाभ केवल पात्र महिलाओं को मिले।
कैसे होती है गड़बड़ी?
जांच में पता चला कि कुछ महिलाओं ने गलत दस्तावेज जमा किए। कई ने अपनी आर्थिक स्थिति को गलत बताया। कुछ सरकारी कर्मचारियों की पत्नियों ने भी योजना का लाभ लिया, जो नियमों के खिलाफ है। पोटका पंचायत में तो घुसपैठियों के नाम तक लाभार्थी सूची में पाए गए। ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए सरकार ने आधार सीडिंग को अनिवार्य किया है। अब बिना आधार लिंक के कोई राशि नहीं मिलेगी।