केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों हेतु नए नियम जारी किए हैं। इन परिवर्तनों का उद्देश्य छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाना और उन्हें समग्र विकास के लिए प्रोत्साहित करना है। आइए, इन नए नियमों पर विस्तृत रूप से चर्चा करें।
न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता
सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों के लिए न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य की है। उपस्थिति की गणना 1 जनवरी 2025 तक की जाएगी। विशेष परिस्थितियों, जैसे चिकित्सा कारण, खेल प्रतियोगिताएं या अन्य वैध कारणों में, छात्रों को 25% तक की छूट दी जा सकती है। इस नियम का उद्देश्य छात्रों को नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित रहने और अध्ययन पर केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि
बोर्ड परीक्षाओं में कौशल और क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाई गई है। 10वीं कक्षा में 50% और 12वीं कक्षा में 40% प्रश्न कौशल-आधारित होंगे। इनमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) और केस स्टडी शामिल होंगे। इस परिवर्तन का उद्देश्य छात्रों की समझ और अनुप्रयोग कौशल का मूल्यांकन करना है, जिससे वे रटने के बजाय अवधारणाओं को समझने पर ध्यान केंद्रित करें।
आंतरिक मूल्यांकन का महत्व
कुल अंकों का 40% आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित होगा, जबकि शेष 60% अंक अंतिम बोर्ड परीक्षा से प्राप्त होंगे। आंतरिक मूल्यांकन में प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और आवधिक परीक्षाएं शामिल होंगी। इससे छात्रों का निरंतर और समग्र मूल्यांकन संभव होगा, जिससे उनकी विभिन्न क्षमताओं का आकलन किया जा सकेगा।
ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान
सीबीएसई ने कुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान किया है, जिसमें छात्र परीक्षा के दौरान पाठ्यपुस्तकों और अन्य संदर्भ सामग्री का उपयोग कर सकेंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को तथ्यों को रटने के बजाय अवधारणाओं की समझ और उनके अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित करना है।
पाठ्यक्रम में कमी
छात्रों के शैक्षणिक बोझ को कम करने के लिए पाठ्यक्रम में 15% की कटौती की गई है। इससे छात्रों को अधिक व्यावहारिक ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा और वे अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।
परीक्षा पैटर्न में बदलाव
प्रश्न पत्र में अब 20% बहुविकल्पीय प्रश्न, 40% कौशल-आधारित प्रश्न और 40% लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल होंगे। इससे छात्रों की विश्लेषणात्मक और समस्या समाधान कौशल का मूल्यांकन किया जा सकेगा।
सुरक्षा उपाय
परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध, और कठोर निगरानी और जांच जैसे सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं, ताकि परीक्षा की शुचिता बनी रहे।
मूल्यांकन दिशा-निर्देश
छात्रों को प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। प्रायोगिक परीक्षाएं बाहरी परीक्षकों द्वारा ली जाएंगी, जिससे मूल्यांकन की निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप
सीबीएसई के ये नए नियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप हैं, जो छात्रों के समग्र विकास, विश्लेषणात्मक कौशल में सुधार और शैक्षणिक ईमानदारी को बढ़ावा देने पर जोर देते हैं।
भविष्य की योजनाएं
आगामी सत्र 2026 में दो सत्र परीक्षा प्रणाली लागू करने की योजना है, जिसमें एक सत्र में दो बार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन होगा। इसके अलावा, संस्थानों में डिजिटल शिक्षण संसाधनों में वृद्धि की जाएगी और नई पाठ्यक्रम रूपरेखा (NCF) 2022 का कार्यान्वयन किया जाएगा।
महत्वपूर्ण तैयारी सुझाव
- नियमित अभ्यास करें।
- आंतरिक मूल्यांकन पर ध्यान दें।
- प्रोजेक्ट और असाइनमेंट में गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
- व्यावहारिक ज्ञान पर फोकस करें।
इन नए नियमों के साथ, सीबीएसई का उद्देश्य छात्रों की शिक्षा को अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाना है, जिससे वे भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें।