झारखंड की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शुरू की गई मंईयां सम्मान योजना, राज्य की महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। झारखंड सरकार ने इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं और लड़कियों को एक निश्चित मासिक सहायता राशि देने का निर्णय लिया है, ताकि वे अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकें।
मंईयां सम्मान योजना के तहत हर महिला को ₹1000 प्रति माह की सहायता राशि प्रदान की जा रही थी, लेकिन दिसंबर 2024 से इस राशि में वृद्धि की गई है। अब राज्य की महिलाएं ₹2500 प्रति माह की किस्त प्राप्त करेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में और भी सुधार हो सकता है। यह योजना राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए खास रूप से फायदेमंद साबित हो रही है, जहां रोजगार के अवसर कम हैं और गरीबी की दर अधिक है।
योजना के उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का प्रमुख उद्देश्य झारखंड की महिलाओं और लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाना है। इस योजना के तहत आर्थिक मदद प्राप्त करने के बाद महिलाएं अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं और साथ ही उनकी शिक्षा या बच्चों की शिक्षा में भी मदद मिलती है। लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित हो सकती हैं, क्योंकि उन्हें अब अपने शिक्षा संबंधी खर्चों के लिए सरकारी मदद मिल रही है।
अब तक इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं और लड़कियों को चार किस्तों की राशि मिल चुकी है, और जल्द ही पांचवीं किस्त भी वितरित की जाएगी। इस योजना का असर राज्य में महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक पड़ रहा है।
राजनीतिक विवाद और विरोध
हालांकि, इस योजना के बारे में राजनीति भी शुरू हो गई है। झारखंड विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ, विपक्षी पार्टियां इसे एक चुनावी चाल मान रही हैं। उनका आरोप है कि यह योजना केवल वोट बैंक को साधने के लिए शुरू की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य चुनावी लाभ प्राप्त करना है। विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर इस योजना को चुनावी मौसम में लागू किया है ताकि वह महिला मतदाताओं को लुभा सकें।
हाल ही में, मंईयां सम्मान योजना को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जिसमें योजना को बंद करने की मांग की गई थी। विपक्ष ने इस योजना को चुनावी राजनीति से जोड़ते हुए इसके खिलाफ मामला उठाया था। हालांकि, झारखंड उच्च न्यायालय ने इस याचिका को खारिज करते हुए योजना को जारी रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि मंईयां सम्मान योजना राज्य की महिलाओं को फायदा पहुंचाने के लिए लागू की गई है और इसे चुनावी राजनीति से नहीं जोड़ा जा सकता।
झारखंड उच्च न्यायालय का फैसला
झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले में अपनी सुनवाई के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि मंईयां सम्मान योजना राज्य की महिलाओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है और इसे किसी भी हालत में बंद नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने विपक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया कि चुनाव के समय इसे रोक दिया जाए। उच्च न्यायालय के इस फैसले ने राज्य की महिलाओं के बीच इस योजना को लेकर विश्वास और उम्मीद को और मजबूत किया है।
योजना की भविष्यवाणी
मंईयां सम्मान योजना का भविष्य अब काफी स्पष्ट हो चुका है। उच्च न्यायालय का फैसला इस योजना के जारी रहने की पुष्टि करता है और अब यह तय हो गया है कि यह योजना महिलाओं की मदद करती रहेगी। इसके माध्यम से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त होगी और उनका सामाजिक और आर्थिक स्तर सुधरेगा।