झारखंड राज्य की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को हर महीने ₹2500 की राशि दी जाती है, जो उनके आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करती है। अब, इस योजना के तहत 5वीं किस्त का वितरण 25 दिसंबर 2024 से शुरू होने जा रहा है। हालांकि, इस बार कुछ महिलाएं इस किस्त से वंचित रह सकती हैं, जिनके बारे में सरकारी निर्देश जारी किए गए हैं।
क्या है मंईयां सम्मान योजना?
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना झारखंड राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना में राज्य सरकार महिलाओं को ₹2500 प्रति माह देती है, ताकि वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। यह योजना खासकर उन महिलाओं के लिए है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं और जिनके पास आय का कोई स्थिर स्रोत नहीं है।
5वीं किस्त का वितरण
झारखंड सरकार द्वारा इस योजना की 5वीं किस्त का वितरण 25 दिसंबर, 2024 से शुरू होगा। यह किस्त ₹2500 होगी, जिसे राज्य की 55 लाख महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और 25 दिसंबर तक राशि ट्रांसफर करने की योजना बनाई है। इसके बाद, 28 दिसंबर तक सभी पात्र महिलाओं को यह राशि मिल जाएगी।
किन महिलाओं को नहीं मिलेगा ₹2500 का लाभ?
हालांकि इस योजना का लाभ अधिकांश महिलाओं को मिलेगा, लेकिन कुछ महिलाएं इस किस्त से वंचित रह सकती हैं। राज्य सरकार ने उन महिलाओं के बारे में निर्देश जारी किए हैं, जिन्होंने गलत तरीके से या धोखाधड़ी के जरिए योजना का लाभ प्राप्त किया है। ऐसे मामलों में राज्य सरकार उनके आवेदन को रद्द कर सकती है और उनसे पिछले किस्तों की वसूली भी कर सकती है।
कौन महिलाएं पाएंगी ₹6500?
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्होंने अगस्त महीने में योजना के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें पहले किसी कारणवश पैसे नहीं मिल सके थे। अब, ऐसी महिलाओं को 5वीं किस्त के ₹2500 के साथ-साथ 4वीं किस्त का ₹4000 भी मिलेगा। कुल मिलाकर उन्हें ₹6500 की राशि एक साथ उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
कुल मिलाकर, क्या है इस योजना का उद्देश्य?
मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड राज्य की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने परिवार के भरण-पोषण में योगदान दे सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं के लिए फायदेमंद है, जिन्हें आमतौर पर रोजगार के अवसर कम मिलते हैं। सरकार इस योजना के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक स्थिति में सुधार लाना चाहती है, ताकि वे समाज में समान अवसरों का आनंद उठा सकें।