उत्तर प्रदेश सरकार ने पशुपालन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से “नंदिनी कृषक समृद्धि योजना” का शुभारंभ किया है। इसका उद्देश्य है राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाना और देशी नस्लों के पशुओं की उन्नत प्रजातियों को अपनाना। योजना के तहत गायों की कुछ विशेष देशी नस्लें, जैसे साहीवाल, गिर, थारपारकर आदि पर 50% सब्सिडी दी जाएगी।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लाभ
योजना से राज्य के छोटे और सीमांत पशुपालकों को सीधा लाभ पहुंचेगा। राज्य सरकार दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह सुनिश्चित कर रही है कि लाभार्थियों को विशेष रूप से देशी नस्ल के दुधारू पशुओं का पालन करने में सहायता मिले। यह न केवल राज्य की दुग्ध उत्पादन क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि किसान की आय भी बढ़ाएगा। योजना से गांवों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और पशुपालन के क्षेत्र में किसान आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना की मुख्य विशेषताएँ
- उच्च नस्ल की गायें: योजना के अंतर्गत किसानों को उच्च दुग्ध उत्पादन वाली देशी गायों का चयन करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
- 50% अनुदान: किसानों को गायों की खरीद और देखभाल में आर्थिक सहायता के रूप में आधी कीमत तक की सब्सिडी मिलेगी।
- प्रशिक्षण और सुविधा: पशुपालन विभाग द्वारा किसानों को बेहतर देखभाल और गायों के रखरखाव के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
सब्सिडी का वितरण और चरणबद्ध लाभ
- प्रथम चरण – डेयरी यूनिट की स्थापना पर 25% सब्सिडी।
- द्वितीय चरण – उच्च गुणवत्ता वाली गायों की खरीद पर 12.5% सब्सिडी, जिसमें बीमा और परिवहन खर्च शामिल हैं।
- तृतीय चरण – डेयरी सेटअप के समग्र खर्च पर 12.5% अतिरिक्त सब्सिडी, जिससे कुल 50% लागत कवर हो सकेगी।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया 1 से 30 नवम्बर के बीच चलेगी, जिसे ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यमों से किया जा सकता है। इच्छुक आवेदक के पास उत्तर प्रदेश का निवासी प्रमाण, तीन साल का पशुपालन अनुभव, आधार कार्ड, और बैंक अकाउंट से लिंक आवश्यक है। अधिक जानकारी और आवेदन के लिए पशुपालन विभाग या विकास भवन से संपर्क किया जा सकता है।