भारत सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लाने जा रही है, जिसका नोटिफिकेशन 15 अक्टूबर 2024 तक जारी होने की संभावना है। यह स्कीम केंद्रीय कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से बनाई गई है और अप्रैल 2025 से लागू होगी। UPS में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के बेहतरीन पहलुओं को शामिल किया गया है।
UPS की मुख्य विशेषताएं
- UPS के तहत, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलेगी। पेंशन की गणना रिटायरमेंट से पहले की 12 महीने की बेसिक सैलरी और डीए के औसत पर की जाएगी।
- UPS में कर्मचारियों को अपने बेसिक वेतन और डीए का 10% पेंशन फंड में देना होगा। सरकार की ओर से इसमें 18.5% का योगदान दिया जाएगा, जो वर्तमान NPS में 14% था।
- सरकारी कर्मचारियों को UPS के तहत 25 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद पेंशन का लाभ मिलेगा। यह योजना 23 लाख कर्मचारियों को लाभान्वित करेगी।
UPS लागू होने की प्रक्रिया
UPS को लागू करने के लिए कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में कई बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से इस नई स्कीम के बारे में चर्चा की गई है। सरकार इस स्कीम को कर्मचारी हित में मानते हुए जल्द ही अंतिम रूप देने की कोशिश कर रही है।
UPS और NPS का अंतर
- एनपीएस में कर्मचारी की पेंशन शेयर बाजार के प्रदर्शन पर आधारित होती है, जिससे पेंशन की राशि अस्थिर होती है। वहीं UPS में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन मिलेगी, जो एक बड़ी राहत है।
- एनपीएस में सरकारी योगदान 14% था, जबकि UPS में इसे बढ़ाकर 18.5% कर दिया गया है, जिससे सरकारी योगदान की हिस्सेदारी बढ़ गई है।
- एनपीएस में कर्मचारियों को शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर पेंशन मिलती थी, लेकिन UPS में यह जोखिम नहीं होगा क्योंकि पेंशन की राशि पहले से तय होगी।
UPS पर कैबिनेट की मुहर
इस योजना पर अंतिम मुहर 24 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लगी। कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन UPS की तैयारी और इसे लागू करने के लिए लगातार अलग-अलग मंत्रालयों के साथ बैठक कर रहे हैं। सोमनाथन पहले वित्त सचिव थे और उन्हीं की अध्यक्षता में एक समिति ने एनपीएस की समीक्षा की थी, जिसके आधार पर इस नए पेंशन सिस्टम का निर्माण किया गया।