भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 2024 को “पीएम ई-ड्राइव योजना” का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देना और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सशक्त बनाना है। यह योजना केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 11 सितंबर 2024 को स्वीकृत की गई थी और इसका कुल बजट 10,900 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य अगले दो वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि करना और देशभर में आवश्यक चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है।
पीएम ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य और प्रावधान
पीएम ई-ड्राइव योजना का मुख्य लक्ष्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को तेज़ी से अपनाना है, जिससे प्रदूषण में कमी आए और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिले। यह योजना पूर्व में लागू की गई FAME-II (फेम इंडिया) और ई-मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) का स्थान लेती है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से निर्माण और अपनाने के लिए चलाई जा रही थीं।
योजना के तहत 3,679 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई-2Ws), तीनपहिया (ई-3Ws), इलेक्ट्रिक एंबुलेंस, और ट्रकों के लिए आवंटित किए गए हैं। इससे 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख तीनपहिया, और 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, 22,100 चार्जिंग स्टेशन और 48,400 इलेक्ट्रिक दो और तीनपहिया वाहनों के लिए चार्जिंग सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
उपभोक्ताओं के लिए लाभ
पीएम ई-ड्राइव योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों के लिए सरकार ने “ई-वाउचर” की सुविधा शुरू की है। इस वाउचर के माध्यम से उपभोक्ता वाहन खरीदते समय सीधे सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सब्सिडी की यह राशि वाहन की बैटरी क्षमता और वाहन के प्रकार पर निर्भर करती है।
सब्सिडी और प्रोत्साहन
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को मिलने वाली सब्सिडी बैटरी पावर के आधार पर निर्धारित की गई है, जो प्रति किलोवॉट घंटा 5,000 रुपये होगी। हालांकि, इस योजना के दूसरे वर्ष में यह राशि घटकर 2,500 रुपये प्रति किलोवॉट घंटा हो जाएगी, और कुल सब्सिडी 5,000 रुपये से अधिक नहीं होगी।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के साथ चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास एक बड़ी चुनौती है। इसी को ध्यान में रखते हुए पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत चार्जिंग स्टेशनों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। योजना के तहत 22,100 फास्ट चार्जर्स लगाए जाएंगे, जिनमें 1,800 बसों के लिए, और 48,400 ई-2Ws/ई-3Ws के लिए चार्जिंग सुविधाएं बनाई जाएंगी। यह इन्फ्रास्ट्रक्चर मुख्य रूप से हाईवे और उन शहरों में विकसित किया जाएगा जहाँ ईवी उपयोगकर्ताओं की संख्या अधिक है।
वाहन परीक्षण एजेंसियों का आधुनिकीकरण
पीएम ई-ड्राइव योजना में 780 करोड़ रुपये वाहन परीक्षण एजेंसियों के आधुनिकीकरण के लिए निर्धारित किए गए हैं। इससे नए और उभरते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच और प्रमाणीकरण में मदद मिलेगी। साथ ही, इस योजना के तहत ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद प्रक्रिया
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की प्रक्रिया बहुत सरल है। लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से अपनी पसंद के इलेक्ट्रिक वाहन की बुकिंग कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त डीलरों या एजेंसियों से संपर्क करना होगा।
योजना के तहत खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार द्वारा निर्धारित सब्सिडी लागू होगी। खरीदार को सब्सिडी का लाभ लेने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे, जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र आदि शामिल हैं। वाहन की खरीद के बाद, सरकार द्वारा सब्सिडी की राशि सीधे खरीदार के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।