भारत सरकार की गरीब और बेघर परिवारों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत एक महत्वपूर्ण योजना “फ्री प्लॉट योजना” है। इसका उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को स्थायी घर उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत कुछ राज्यों में गरीब परिवारों को 300 वर्गमीटर का फ्री प्लॉट देने का निर्णय लिया गया है।
फ्री प्लॉट योजना का उद्देश्य
फ्री प्लॉट योजना का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों को एक स्थिर और सुरक्षित निवास स्थान प्रदान करना है, जिनके पास अभी तक अपना घर नहीं है। विशेष रूप से जिन परिवारों के पास कृषि भूमि नहीं है और जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें इस योजना के माध्यम से जमीन का मालिक बनाया जाएगा ताकि वे खुद का मकान बना सकें।
लाभार्थी परिवार कौन होंगे?
राजस्थान में इस योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा जो घुमंतु, विमुक्त या अर्द्धघुमंतु समुदायों से आते हैं। ये परिवार अक्सर अस्थाई निवास बनाकर जीवनयापन करते हैं और उनका कोई स्थायी पता नहीं होता है। इस योजना के तहत इन्हें 300 वर्गमीटर जमीन दी जाएगी ताकि वे अपना घर बना सकें और स्थायी रूप से बस सकें। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन जमीन के पट्टे इन परिवारों को दिए जाएंगे। इससे करीब 34 हजार परिवारों को लाभ मिलेगा।
किस प्रकार की जमीन मिलेगी?
सरकार द्वारा दिए जाने वाले प्लॉट 300 वर्गमीटर के होंगे और ये उन गांवों में वितरित किए जाएंगे, जहां आबादी 1000 से कम है। 1000 से 2000 की आबादी वाले गांवों में भी अलग-अलग दरों पर यह जमीन वितरित की जाएगी। योजना के तहत जमीन की दरें काफी कम रखी गई हैं ताकि गरीब परिवार इसे वहन कर सकें।
फ्री प्लॉट योजना आवश्यक दस्तावेज
फ्री प्लॉट योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों के पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों का होना अनिवार्य है, जिनमें आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं। इसके अलावा, लाभार्थी के पास मोबाइल नंबर होना भी अनिवार्य है।
लाभार्थी परिवार की परिभाषा
फ्री प्लॉट योजना के तहत लाभार्थी परिवार में 21 वर्ष से कम उम्र के अविवाहित सदस्यों को माता-पिता के साथ एक परिवार माना जाएगा। वहीं 21 वर्ष से अधिक उम्र के शादीशुदा व्यक्ति को एक अलग परिवार माना जाएगा, चाहे वह एक ही घर में रह रहे हों या अलग।
फ्री प्लॉट योजना के तहत पट्टे वितरण की तिथि
इस योजना के तहत 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा पट्टे वितरण की शुरुआत की जाएगी। इससे उन परिवारों को स्थायी निवास मिलेगा, जो अभी तक बिना घर के जीवन जी रहे थे। सरकार ने इन परिवारों की पहचान के लिए एक विशेष प्रक्रिया भी तैयार की है, जिसमें तहसीलदार द्वारा सत्यापन के बाद जाति पहचान प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।