किसानों की आय बढ़ाने के लिए न केवल खेती को ही बल्कि पशुपालन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने किसानों को 50 चूजों का पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए 3000 रुपए की सब्सिडी उपलब्ध कराई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालन के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना से विशेष रूप से अनुसूचित जाति के लोगों को लाभ होगा। प्रदेश के हर जिले में 200 पोल्ट्री यूनिट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे लगभग 15,000 ग्रामीणों को यह योजना का फायदा मिलेगा।
कितनी सब्सिडी मिलेगी
पशुपालन विभाग द्वारा एक विशेष कॉम्पोनेन्ट प्लान तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, राज्य सरकार द्वारा पोल्ट्री इकाइयों की स्थापना के लिए एक योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत, प्रत्येक लाभार्थी को 50 चूजे प्रदान किए जाएंगे और उन्हें 3,000 रुपए की सब्सिडी भी दी जाएगी। साथ ही, चूजों के अलावा छप्पर की व्यवस्था, आहार, यातायात के खर्च और प्रशिक्षण के लिए पूरा वित्त प्रदान किया जाएगा, यानी ये सभी सुविधाएं लाभार्थी को मुफ्त में प्रदान की जाएंगी। इसका पूरा लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, और उनसे कोई भी वसूली नहीं की जाएगी।
लाभार्थी का चयन
इस योजना से अनुसूचित जाति के असमर्थ वर्ग की महिलाओं और पुरुषों को लाभ प्रदान किया जाएगा। लाभार्थियों की चयनित सूची ग्राम प्रधान द्वारा तैयार की जाएगी। इसके बाद, चयनित सूची का मूल्यांकन संबंधित पशुचिकित्सा अधिकारी और पोल्ट्री प्रोग्राम आफसर द्वारा किया जाएगा। फिर, जिला स्तर पर, मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी लाभार्थियों का अंतिम चयन करेंगे। इसके लिए, कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं, और उनके अनुसार ही लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।
योजना के लिए पात्रता मानदंड
इस योजना से उत्तर प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति के लोगों को लाभ पहुंचाया जाएगा। इस योजना की एक शर्त है कि लाभार्थियों का चयन ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान के माध्यम से किया जाएगा। जहां पोल्ट्री फार्म खोलना है, वहां के निवासी ही लाभार्थी होने की शर्त है। लाभार्थी को अपने रहने की व्यवस्था होनी चाहिए और उसे पोल्ट्री पालन में रुचि होनी चाहिए।
लाभार्थियों को फ्री प्रशिक्षण का प्रावधान
यह योजना अनुसूचित जाति के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वालों को लाभ पहुंचाएगी। गाँवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे| इसके माध्यम से, अनुसूचित जाति के परिवारों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उनका जीवनाधार बेहतर हो सकेगा। चयनित लाभार्थियों को पशु चिकित्सालय पर कुक्कुट पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण एक सप्ताह का होगा और पूरी तरह से मुफ्त होगा। प्रशिक्षण में मुर्गों के देखभाल, आहार, और संरक्षण के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।